कोई ताल्लुक़ है गहरा जो ख़त्म नहीं होता मैंने देखा है कई बार उससे किनारा करके।"Kinara Shayari in Hindi"
समुद्र का किनारा और अस्सी की शाम हो बहता हुआ पानी और तेरे हाथों में मेरा हाथ हो।"किनारे' पर कहे शायरों के अल्फ़ाज़"
दोस्त अहबाब से लेने न सहारे जाना, दिल जो घबराए समुंदर के किनारे जाना।"Kinara Poetry"
नाव पे बैठा यूं सोचता हूं आज कौन ज्यादा मजबूर हैं, ये किनारा जो चल नहीं सकता या वो लहर जो ठहर नहीं सकती।किनारे पर शायरी स्टेटस
दिल को अपने मै झरने सी मोहब्बत में बहा दूँ तुम जो आओं मुझसे मिलने तो मै तुम्हे अपनी मोहब्बत का किनारा बना लूँ।"Kinara Shayari For WhatsApp"
बूँद बूँद सागर का नीला कण कण साहिल सुनहरा जाने किस के इंतज़ार में किनारा किनारे में ठहरा।
सुधारने की गलती नहीं करता गलत को सुधारा करता हूँ, जो निगल जाती हैं किनारे को उन नदियों से किनारा करता हूँ।
हिज्र का आलम और हाल यूं हमारा है, न वादों का सहारा न उम्मीदों को किनारा है।2 Line Kinara Shayari
तलातुम का एहसान क्यूँ हम उठाएँ हमें डूबने को किनारा बहुत है।Kinara Status Images
उनको इश्क़ करते देखा इश्क़ से किनारा कर लिया इश्क़ की किताबें पढ़ ली बस यूँ गुजारा कर लिया।
आसमां में चांद सितारा दिखता है पर आसमां का ना कोई किनारा दिखता है कैसे बनाया तूने ये जहां ऐ मेरे खुदा चांद पर दाग भी कितना प्यारा दिखता है।"Kinara Poetry In Hindi-Urdu"
यूँ तो बहुत डूब गया हूँ इश्क़ में तेरे मैं पर तू ही बता मुझको ऐ सनम कब मुझे तेरा किनारा मिलेगा।Kinara Shayari Images
न चांदनी रात है न दरिया का किनारा है न तू मेरे पास है न जीने का सहारा है।
समंदर के तूफानों सी है जिंदगी, बस सुकून का एक किनारा चाहिए।"Kinare Shayari"
धीरे धीरे सबने ही मुझसे किनारा कर लिया मैंने भी तन्हाई में अश्कों से गुज़ारा कर लिया।
किनारा सोख लेगा दरिया की नमी जितनी भी होगी अभी नाखुदा सफर पे है कहीं मंज़िल तो उसकी भी होगी।
मोहब्बत की इक ऐसी लहर चाहिए जो मुझसे किनारा ना करे किनारे को मुझ तक कर दे।
मिरे डूब जाने का बाइस न पूछो किनारे से टकरा गया था सफ़ीना।"Kinara Shayari For Facebook"
फितूर सा इश्क़ दरिये का गोते खुद में खाये बने फौलाद बवंडर जहा क़भी समंदर किनारा ढूँढ़ता क़भी किनारा समंदर।
किनारा तो बस एक खोज है यहाँ वरना मझधार में जीने का मज़ा ही कुछ अलग होता है।"2 Line Kinare Shayari"
एक किनारा हो तुम एक किनारा हूँ मैं जब भी हम तुम मिले प्रेम नदी सूख गयी।
अब उसके साथ रहूं या फिर उससे किनारा कर लूं ज़रा ठहर जा ऐ दिल मैं ये फैसला दोबारा कर लूं।
बेचैन सी इक हूँ मुझ में ठहरा किनारा हो तुम यूँ बनती बिगड़ती रहती हूँ जीने का सहारा हो तुम।
इन किनारों की ज़िंदगी देखो, साथ रहते हैं मिल नहीं सकते।Kinara Poetry
भंवर से लड़ो तुंद लहरों से उलझो कहां तक चलोगे किनारे किनारे।
अब किनारा कितना भी चाहे पत्थर को पा नहीं सकता था पत्थर खुद किसी मूर्ति को आकार देने में बिक जो चुका था।"Kinara Poetry"
किनारा बनकर मत करना दरिया से मोहब्बत, किनारों को तो अक्सर दरिया भी छोड़ देता हैं।
ज़ुबां का जब सहारा मिलता हैं, अफवाहों को उनका किनारा मिलता हैं।
एक ऐसा किनारा अगर मैं कभी प्यार की गहरे समुंदर मैं खो भी गयी तो वो किनारा मुझे खुद ढ़ूढ़ के आपने पास शरण दे।
दरिया ए मौज सर से पाँव तक कब छु के गुजर गई खुद में इस कदर उलझे रहे कि किनारा ना मिला।Kinara Shayari For WhatsApp
ज़रा दरिया की तह तक तो पहुँच जाने की हिम्मत कर तो फिर ऐ डूबने वाले किनारा ही किनारा है।
बहोत चाह थी इश्क़ के समंदर में तैरने की, किसी ने ऐसा डुबोया की किनारा ना मिला मुझे।Kinara Shayari For WhatsApp
मिरे नाख़ुदा न घबरा ये नज़र है अपनी अपनी, तिरे सामने है तूफ़ाँ मिरे सामने किनारा।
एक ऐसी लहर हूँ मैं जिसका मैं खुद किनारा हूँ बस ऐसा तिनका हूँ मैं जिसका मैं खुद सहारा हूँ।
हमने भी खुद को बेसहारा कर लिया दुनियाभर के लोगो से किनारा कर लिया अब दुनियादारी की परवाह मै क्यों करू इस दुनिया ने तो मुझे भी आवारा कर दिया।
पाँव उठते हैं किसी मौज की जानिब लेकिन रोक लेता है किनारा कि ठहर पानी है।"Kinara Poetry"
रब्त है हुस्न ओ इश्क़ में बाहम एक दरिया के दो किनारे हैं।
साहिल पर बैठ सोचते हैं ज्यादा मजबूर कौन है ये किनारा जो चल नहीं सकता या वो लहर जो ठहर नहीं सकतीं।Kinara Shayari For Facebook
दिल के दरिया ने किनारों से मोहब्बत कर ली, तेज़ बहता है मगर कम नहीं होने पाता।
चाहतों के समुंदर में एक ग़ोता लगाने चले थे हम भी मगर यह सोच कर रुक गये कि जो न मिला किनारा तो फिर क्या होगा।
जाने किसके इंतज़ार में किनारा किनारे में है ठहरा, क़ैद में उसके चंचल सागर किनारे का है पहरा।