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Nakhuda Shayari Status Images In Hindi-Urdu नाख़ुदा पर शायरी स्टेटस

Nakhuda Shayari Status Images In Hindi-Urdu
kashtiyaan sab kee kinaare pe pahunch jaatee hain naakhuda jin ka nahin un ka khuda hota hai.
कश्तियां सब की किनारे पे पहुंच जाती हैं नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है।
2 Line Nakhuda Shayari
अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख, इक तू ही नाख़ुदा नहीं ज़ालिम ख़ुदा भी है।
"Kinara Poetry in Hindi Urdu"
जब सफ़ीना मौज से टकरा गया, नाख़ुदा को भी ख़ुदा याद आ गया।
"2 Line Nakhuda Shayari"
किनारों से मुझे ऐ नाख़ुदा दूर ही रखना. वहाँ ले कर चलो तूफ़ान जहां से उठने वाला हैं।
"Nakhuda Shayari For Facebook WhatsApp"
मिरे नाख़ुदा न घबरा ये नज़र है अपनी अपनी, तिरे सामने है तूफ़ाँ मिरे सामने किनारा।
Nakhuda Shayari With Images
मैं अपने आप लड़ूँगा समुंदरों से जंग, अब एतिमाद मुझे अपने नाख़ुदा पे नहीं।
"Shayari on Nakhuda"
कैफ-ए-ख़ुदी ने मौज को कश्ती बना दिया, होश-ए-ख़ुदा है अब न गम-ए-नाख़ुदा मुझे।
Nakhuda Shayari Images
क्योंकर सँभालते हमें वो नाख़ुदा जो ख़ुद, साहिल की आफ़ियत से भँवर देखते रहे।
Nakhuda Shayar
अहल-ए-कश्ती ने ख़ुद-कुशी की थी, हुआ बदनाम नाख़ुदा का नाम।
"नाख़ुदा शायरी"
किनारा सोख लेगा दरिया की नमी जितनी भी होगी, अभी नाखुदा सफर पे है कहीं मंज़िल तो उसकी भी होगी।
"Nakhuda Shayari"
ख़ुदा को न तकलीफ़ दे डूबने में, किसी नाख़ुदा के सहारे चला चल।
Nakhuda Shayari For Facebook WhatsApp
अगर ऐ नाख़ुदा तूफ़ान से लड़ने का दम-ख़म है, इधर कश्ती न ले आना
यहाँ पानी बहुत कम है।
"नाख़ुदा पर शायरी"
मैं अपनी मौत से ख़ल्वत में मिलना चाहता हूँ सो मेरी नाव में बस मैं हूँ नाख़ुदा नहीं है।
"Nakhuda Poetry In Urdu"
ख़ुदा और नाख़ुदा मिल कर डुबो दें ये तो मुमकिन है, मेरी वज्ह-ए-तबाही सिर्फ़ तूफ़ाँ हो नहीं सकता।
"नाख़ुदा शेर-ओ-शायरी"
लो डूबतों ने देख लिया नाख़ुदा को आज, लो डूबतों ने देख लिया नाख़ुदा को आज, तक़रीब कुछ तो बहर-ए-मुलाक़ात हो गई।
नाख़ुदा पर शायरी स्टेटस फेसबुक वाट्सऐप
अज़ीज़ मुझ को हैं तूफ़ान साहिलों से सिवा, अज़ीज़ मुझ को हैं तूफ़ान साहिलों से सिवा, इसी लिए है ख़फ़ा मेरा नाख़ुदा मुझ से।
Shayari on Nakhuda
जो चाहते हो बदलना मिज़ाज-ए-तूफ़ाँ को, जो चाहते हो बदलना मिज़ाज-ए-तूफ़ाँ को, तो नाख़ुदा पे भरोसा करो ख़ुदा की तरह।
"Nakhuda Poetry In Urdu"
गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो, गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो, डूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ।

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