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behtrin karib shayari two Line करीब शायरी

karib shayari two line

karib shayari two line
लाकर तेरे करीब मुझे दूर कर दिया, तकदीर भी मेरे साथ एक चाल चल गई।
करीब आ तेरी आँखों में देख लू खुदको बहुत दिनों से आइना नहीं देखा मैंने।
आज फिर दिल दिमाग के करीब हो गया आज फिर एक रिश्ता गरीब हो गया।
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता, बात करना न सही देखना तो नसीब होता।
karib shayari sad
आदत हो गयी है तेरे करीब रहने की तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र कही और मिलता नहीं।
तुझ से दूर रहकर मोहब्बत बढती जा रही हैं.. क्या कहूँ, कैसे कहूँ ये दुरी तुझे और करीब ला रही हैं।
कुछ लोग तो बस इसलिए अपने बने हैं अभी, कि कभी मेरी बर्बादियां हों तो दीदार करीब से हो।
हर-वक्त ज़िंदा मुझमें तू है किसी बहानें ये समझानें को आ, कुछ और करीब आनें को आ मेरे सीनें में अब समानें को आ।
karib shayari love story
करीब इतना रहो कि रिश्तों मे प्यार रहे, दूर भी इतना रहो कि आने का इन्तजार रहे।
सिखा न सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे, करीब से कुछ चेहरे पढ़े और न जाने कितने सबक सीख लिए।
करीब से जाना तो समझा, ये स्वार्थ की दुनिया है, और बस जरुरतों से चलती है।
वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे, दुनिया में हम खुश नसीब होंगे, दूर से जब इतना याद करते है आपको, क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे?
karib shayari 2 Line
करीब से देखने पर भी ज़िन्दगी का मतलब समझ नही आया हमें, मालूम होता है अपने ही शहर में भूला हुआ मुसाफ़िर हूँ।
तेरे करीब आकर बड़ी उलझन में हूँ मै गैरो में हूँ या तेरे अपने में हूँ।
जब भी करीब आता हूँ बताने के लिये, जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये, महफ़िलों की शान न समझना मुझे, मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये।
तूने फैसले ही फ़ासले बढ़ाने वाले किये है, वरना कुछ ना था तुझसे ज़्यादा करीब मेरे।
karib shayari Hindi
जो बिना कहे सुने भी दिल के बेहद करीब होते हैं, ऐसे नाज़ुक एहसास बड़े नसीब से नसीब होते है।
इस से बढकर तुमको और कितना करीब लाँऊ मैं, कि तुमको दिल में रखकर भी मेरा दिल नहीं लगता।
करीब आओगे तो शायद हमे समझ लोगे, ये फासले तो गलतफहमिया बढाते है।
वो जब करीब से हंस कर गुजर गए, कुछ खास दोस्तों के भी चेहरे उतर गए।
karib shayari sad
तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई, यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ ग, था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार अचानक वो मेरे करीब आ गई।
ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन, बेहद ही करीब से गुजर कर बिछड़ गया कोई।
इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभी यूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे।
हम उन दिनों अमीर थे, जब तुम करीब थे।
karib shayari Love Story
ना जाने, करीब आना किसे कहते हैं.. मुझे तो तुमसे दूर जाना ही नही आता।
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता, तू ना आती तो तेरी आवाज़ तो आती।
दूर हो कर भी करीब रहने की आदत है, याद बनकर दिल में बस जाने की आदत है, करीब न होते हुए भी करीब पाओगे तुम मुझे, एहसास बनकर रहने की आदत है मुझे।
ज़िन्दगी के हिसाब किताब भी बड़े अजीब थे, जब तक. हम अज़नबी थे ज्यादा करीब थे।
best karib shayari 2 Line
ना जाने, करीब आना किसे कहते हैं, मुझे तो तुमसे दूर जाना ही नहीँ आता।
वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते, खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते, मर गए पर खुली रखी आँखें, इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते।
ना तो कोई किसी के करीब होता है, ना ही कोई किसी से दूर होता है, मोहब्बत खुद ही चल कर आती है करीब उसके, जो किसी की तक़दीर होता है।
बेहद करीब है वो शख्स आज भी मेरे इस दिल के जिसने खामोशियों का सहारा लेके दूरियों को अंजाम दिया।
Kareeb-Shayari-2-Line
तुम दूर बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं, पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है, ये बात तुम भी कभी न भूलना।
करीब इतना रहो कि रिशतो मै प्यार रहे, दूर भी इतना रहो कि आने का इन्तजार रहे।
ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन, बेहद ही करीब से गुज़र कर बिछड़ गया कोई।
मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर, जो दिल के करीब आया वही वफा ना कर सका।
फासले ही अच्छे है इश्क में यारों, ज्यादा करीब रहने से मोहब्बत पाक नही रहती।
Kareeb Shayari 2 Line
तन्हाईयां जाने लगी जिंदगी मुस्कुराने लगी, ना दिन का पता है ना रात का पता, आप की दोस्ती की खुशबू हमे महकाने लगी, एक पल तो करीब आ जाओ धड़कन भी आवाज़ लगाने लगी।
डर से ज्यादा तेरे करीब आने को जी करता है, तेरे होठों को होठों से छू जाने को जी करता है, तुम हो मेरे बेताब दिल की धड़कन, तुम्हें अपना बनाने को जी करता है।
तुझ से दूर रहकर मोहब्बत बढती जा रही हैं, क्या कहूँ, कैसे कहूँ ये दुरी तुझे और करीब ला रही हैं।
जो बिना कहे सुने भी दिल के बेहद करीब होते हैं, ऐसे नाज़ुक एहसास बड़े नसीब से नसीब होते है।
karib shayari 2 Line
हम नींद से उठकर, इधर-उधर ढूंढते हैं तुझे, क्यों ख्वाबों में मेरे, इतने करीब चले आते हो तुम?
लाएँगे कहाँ से हम जुदाई का हौसला, क्यों इस क़दर मेरे करीब आ रहें हैं आप?
जब जब होती हैं बारिश और गरजते है ये बादल, मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है, और दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ आती है, तुम करीब आओ ना, आओ ना।
ऐ दोस्त जब भी तू उदास होगा, मेरा ख्याल तेरे आस-पास होगा, दिल की गहराईयों से जब भी करोगे याद हमें, तुम्हें हमारे करीब होने का एहसास होगा।
karib shayari Hindi
आया ही था ख्याल के आँखें छलक पड़ी आंसू तुम्हारी याद के कितने करीब थे।
नहीं करता इज़हारे-ऐ-इश्क़ वो, पर रहता है मेरे करीब है वो. देखूँ उसकी आँखों में तो शर्मा जाता है वो, हाय मेरा यार भी कितना कमाल है।
वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते, खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते, मर गए पर खुली रखी आँखें, इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते।
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं हम एक दूसरे के करीब से फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है।
karib shayari two Line
इस दौर में दूर से ही दुआ सलाम का रिश्ता अच्छा है, करीब आने पर अक्सर दूर हो जाते हैं लोग।
जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गए जमाने में हुए चर्चे हम मशहूर हो गए।
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नही।
कभी हम भी इस के क़रीब थे, दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे, मगर आज ऐसे मिला है वो, कभी पहले जैसे मिला ना हो।

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