मेरी आधी फिक्र आधे ग़म तो यूँ ही मिट जाते हैं,
जब प्यार से तू मेरा हाल पूछ लेती है।
ना कद्र, ना फ़िक्र, ना रहम, ना मेहरबानी,
फिर भी वो कहते हैं बेशुमार इश्क है तुमसे।
जो सामने जिक्र नही करते,
वो दिल ही दिल मे बहुत फिक्र करते हैं।
आज वही कल है,
जिस कल की फ़िक्र तुम्हें कल थी।
Fikar-Shayari-2-Line
बहुत फ़िक्र होने लगी है मुझे अब मेरी,
कोई बात तेरी मेरे दिल तक नहीं जाती।
मुस्कान के सिवा कुछ न लाया कर चेहरे पर,
मेरी फ़िक्र हार जाती है तेरी मायूसी देखकर।
कभी आओ बैठते है बतलाते है,
दुनिया की फिक्र छोड़ दिल की सुनाते है।
चेहरों की इतनी फ़िक्र क्यूँ है,
रंगों की इतनी क़द्र क्यूँ है?
हुस्न अस्ल किरदार का है,
गोरा काले से बेहतर क्यूँ है?
Fikar Shayari 2 Line
फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे,
लुत्फ़ ये है कि हमें याद न आया कोई।
टूटे दिल की अपनी ना फ़िक,
पर उसकी फ़िकर किये जा रहा हूँ,
समझ नही आता कि ये इश्क़ हैं
या कोई हद किये जा रहा हूँ।
चोट लगी तो अपने अन्दर चुपके चुपके रो लेते हो,
अच्छी बात है आसानी से जख्मों को तुम धो लेते हो।
दिन भर कोशिश करते हो सबको गम का दरमाँ मिल जाये,
नींद की गोली खाकर शब भर बेफ़िक्री में सो लेते हो।
फ़िक्र शायरी 2 Line
हमको तो अपने सर को छुपाने की फ़िक्र है,
उनको नया मकान बनाने की फ़िक्र है,
उसने लगा दी आग की बाकी कुछ ना रहे,
मुझको हर एक चीज बचाने की फ़िक्र है।
ज़िन्दगी, अजीब है गालिब, वक़्त की कदर, खो जाने के बाद होती है.
अपनों की फ़िक्र, रूठ जाने के बाद होती है,
और साथ की ज़रूरत अकसर दूर जाने के बाद होती है।
जी चाहे की दुनिया की हर एक फ़िक्र भुला कर,
दिल की बातें सुनाऊँ तुझे मैं पास बिठा कर.
दूर कहीं जहां कोई न हो हमारे अलावा।
उलझन में हूं या दुख में हूं,
दोस्त है मेरा फिक्र करेगा,
दूर है फिरभी भूलेगा नही,
कभी तो मेरा जिक्र करेगा।
फ़िक्र Status
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है
बस जिक्र करने का हक नही रहा.
दो आँखो मे दो ही आँसू
एक तेरे लिए, एक तेरी खातिर।
दूर होते नहीं जो दिल मे रहा करते हैं,
हम रहें आपके पास यही दुआ करते हैं,
ना रास्ते की फिकर ना मंज़िल का गिला,
हम तो मुसाफिर हैं मुश्किल से मिला करते हैं।
जी भर क देखू तुझे अगर गवारा हो,
बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो ,
जान की फ़िक्र हो न जमाने की परवाह,
एक तेरा प्यार हो जो बस हमारा हो।