Type Here to Get Search Results !

Fikar Shayari in hindi फ़िक्र शायरी

Fikar shayari two line

Fikar shayari two line
किसी की चाहत और मोहब्बत पर दिल से यकीं करना, दिल टुटे न उसका इतनी फिक्र करना।
फ़िक़्र-ए-दुनिया में सर खपाता हूँ, मैं कहाँ और ये वबाल कहाँ?
फ़िक्र मत कर बंदे समय बलवान है, कर्म कर मेहनत मे बहुत जान है।
किसी की इतनी भी फ़िक्र ना करो, की वो तुम्हे ही Ignore करने लगे।
Fikar-Shayari-two-Line
कौन फिक्र करे किसी और की इस जहाँ में, चलो कुछ देर और आँख मूँद कर मर जाएँ।
मेरे इस दिल को तुम ही रख लो, बड़ी फ़िक्र रहती है इसे तुम्हारी।
जरूरत नहीं फिक्र हो तुम, कर ना पाऊँ कहीं भी वो जिक्र हो तुम।
तुम्हारी फिक्र और जिक्र करने के लिए, हमारा कोई रिश्ता ही हो ये जरूरी तो नहीं?
Fikar-Shayari-2-Line
अब तेरा ज़िक्र नही अब तेरी फ़िक्र नही, टूट कर प्यार करूँ मैं तुम्हें सीने से लगा कर।
फिक्र ना करो हम कोई जंजीर नहीं हैं कि पाँव से लिपट जायेंगे, हम तो मोहब्बत हैं राख बन के तेरी राहों में बिखर जाएंगे।
किसको यह फ़िक्र है कि कबीले का क्या हुआ? सब इस बार लड़ रहे है कि सरदार कौन है।
अब नही करेंगें हम फिक्र तेरी, क्युकी तुम्हारी फिकर तो ज़माना करता हैं।
फ़िक्र शायरी 2 Line
कुछ बुरे लोगो का ज़िक्र करने से अच्छा, कुछ अच्छे लोगो की फ़िक्र कर लू।
गुस्सा इतना है कि तुमसे कभी बात भी ना करूँ, फिर भी दिल में तेरी फिक्र खुद से ज्यादा है।
तुम्हारी फिकर के लिए , हमारा कोई रिश्ता हो ज़रूरी तो नही।
नसीब में नही होते फ़िक्र करने वाले लोग, जो फिकर करते है अक्सर उन्हे ग़लत समजते है लोग।
फ़िक्र शायरी 2 लाइन
बात बस इतनी सी है, हमें तुम्हारी फिकर, तुमसे थोड़ी ज़्यादा है।
तुम्हारी फिक्र है मुझे इसमे कोई शक नही, तुम्हे कोई और देखे किसी को ये हक नही।
फ़िक्र तो तेरी आज भी है, बस जिक्र का हक नही रहा।
तुम अपनी फ़िक्र करो जनाब, हम तो पहले से ही बदनाम हैं।
फ़िक्र Shayari
किसी की चाहत और मोहब्बत पर दिल से अमल करना, दिल टुटे न उसका इतनी सी फिक्र करना।
फिकर करता हू तुम्हारी, ज़िकर इसका करना ज़रूरी तो नही।
हम आईना हैं आईना ही रहेंगे फ़िक्र वो करें, जिनकी शक्लो में कुछ और दिल में कुछ और है।
करू क्यों फ़िक्र की मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी, जहाँ होगी महफिल मेरे यारो की मेरी रूह वहाँ मिलेगी।
फ़िक्र Status
फ़िक्र ना होती तेरी तो कब के ज़िंदगी से दर गये होते, तुम ना होते जो साथ हमारे हम तो कब के मर गये होते।
ये फिकर ये अदावतें ये अंदाज़ ऐ गुफ्तगूं, संभल जाओ तुम तुम्हें हमसे मोहब्बत हो रही है।
कई बार हम किसी की, इतनी फ़िक्र कर लेते है, जितनी उनको हमारी, जरूरत भी नही होती।
मौका मिले कभी तो ये जरुर सोचना एक लापरवाह सा लड़का, तेरी अपने आप से ज्यादा फ़िक्र क्यू करता है।
फ़िक्र Shayari
उनकों ज़माने की फिक्र है हमको उनकी, इन दो फ़िक्र कीं दिवार में एक मुहब्बत है जलती।
मुझे अपनी फ़िक्र कहाँ, मुझे तो फ़िक्र तुम्हारे इश्क कि है, जिसका क़त्ल करने कि इजाजत, मेरा जमीर मुझे नहीं देता।
तेरा ज़िक्र तेरी फ़िक्र, तेरा एहसास तेरा ख्याल, तू खुदा तो नहीं , फिर हर जगह क्यों हैं?
कितनी फ़िक्र है कुदरत को मेरी तन्हाई की, जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिए।
फ़िक्र शायरी 2 Line
फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे, लुत्फ़ ये है कि हमें याद न आया कोई।
लिहाज़-ए-इश्क न होता तो तुम भी आज बदनाम होते, ख़ामोश हैं क्योंकि तेरी रूसवाई की फ़िक्र करते है।
छोटी छोटी बात पर गुस्सा करने वाले लोग वही होते है, जो दिल से प्यार और सोच में फिकर रखते है।
जो लोग सबकी फिक्र करते हैं, अक्सर उन्हीं की फिक्र करने वाला कोई नहीं होता।
फ़िक्र शायरी 2 लाइन
मुझे मेरे कल कि फिक्र तो आज भी नही है, पर ख्वाहिश तुझे पाने कि कयामत तक रहेगी।
जिक्र तो छोड़ दिया मैंने उसका, लेकिन कम्बख्त फिक्र नहीं जाती।
वो मेरी फ़िक्र तो करता है मगर प्यार नहीं , यानी पाज़ेब में घुँघरू तो हैं झंकार नहीं।
क्यू की तू वो नही रहा जिससे मैने, मोहब्बत की थी. अब तू बन चुका है वो जिसके बारे मैने कभी सोचा भी नही।
देख ली तेरी ईमानदारी ए-दिल, तू मेरा और फ़िक्र किसी और की।
फ़िक्र Shayari
चाहत फिक्र इम्तेहान सादगी वफा, मेरी इन्हीं आदतों ने मुझे मरवा दिया।
मेरी आधी फिक्र आधे ग़म तो यूँ ही मिट जाते हैं, जब प्यार से तू मेरा हाल पूछ लेती है।
ना कद्र, ना फ़िक्र, ना रहम, ना मेहरबानी, फिर भी वो कहते हैं बेशुमार इश्क है तुमसे।
जो सामने जिक्र नही करते, वो दिल ही दिल मे बहुत फिक्र करते हैं।
आज वही कल है, जिस कल की फ़िक्र तुम्हें कल थी।
Fikar-Shayari-2-Line
बहुत फ़िक्र होने लगी है मुझे अब मेरी, कोई बात तेरी मेरे दिल तक नहीं जाती।
मुस्कान के सिवा कुछ न लाया कर चेहरे पर, मेरी फ़िक्र हार जाती है तेरी मायूसी देखकर।
कभी आओ बैठते है बतलाते है, दुनिया की फिक्र छोड़ दिल की सुनाते है।
चेहरों की इतनी फ़िक्र क्यूँ है, रंगों की इतनी क़द्र क्यूँ है? हुस्न अस्ल किरदार का है, गोरा काले से बेहतर क्यूँ है?
Fikar Shayari 2 Line
फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे, लुत्फ़ ये है कि हमें याद न आया कोई।
टूटे दिल की अपनी ना फ़िक, पर उसकी फ़िकर किये जा रहा हूँ, समझ नही आता कि ये इश्क़ हैं या कोई हद किये जा रहा हूँ।
चोट लगी तो अपने अन्दर चुपके चुपके रो लेते हो, अच्छी बात है आसानी से जख्मों को तुम धो लेते हो।
दिन भर कोशिश करते हो सबको गम का दरमाँ मिल जाये, नींद की गोली खाकर शब भर बेफ़िक्री में सो लेते हो।
फ़िक्र शायरी 2 Line
हमको तो अपने सर को छुपाने की फ़िक्र है, उनको नया मकान बनाने की फ़िक्र है, उसने लगा दी आग की बाकी कुछ ना रहे, मुझको हर एक चीज बचाने की फ़िक्र है।
ज़िन्दगी, अजीब है गालिब, वक़्त की कदर, खो जाने के बाद होती है. अपनों की फ़िक्र, रूठ जाने के बाद होती है, और साथ की ज़रूरत अकसर दूर जाने के बाद होती है।
जी चाहे की दुनिया की हर एक ‪‎फ़िक्र भुला कर, दिल की बातें सुनाऊँ तुझे मैं पास बिठा कर. दूर कहीं जहां कोई न हो हमारे अलावा।
उलझन में हूं या दुख में हूं, दोस्त है मेरा फिक्र करेगा, दूर है फिरभी भूलेगा नही, कभी तो मेरा जिक्र करेगा।
फ़िक्र Status
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है बस जिक्र करने का हक नही रहा. दो आँखो मे दो ही आँसू एक तेरे लिए, एक तेरी खातिर।
दूर होते नहीं जो दिल मे रहा करते हैं, हम रहें आपके पास यही दुआ करते हैं, ना रास्ते की फिकर ना मंज़िल का गिला, हम तो मुसाफिर हैं मुश्किल से मिला करते हैं।
जी भर क देखू तुझे अगर गवारा हो, बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो , जान की फ़िक्र हो न जमाने की परवाह, एक तेरा प्यार हो जो बस हमारा हो।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad