Patthar-Shayari-2-Line
उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता, हजारों जुगनुओं से भी अँधेरा कम नहीं होता।
बिछड़ते वक़्त कोई बदगुमानी दिल में आ जाती, उसे भी ग़म नहीं होता मुझे भी ग़म नहीं होता।
जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ , जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये।
पत्थरों से ना किसी पे वार कर, हो सके तो तू सभी से प्यार कर।
ऐ खुदा लोग बनाये थे पत्थर के अगर, मेरे एहसास को शीशे का न बनाया होता।
जिन पत्थरों को कभी हमने दी थी धड़कने, आज उनको जुबां मिली तो हम पर बरस पड़े।
गर लफ्ज़ों में कर सकते बयान इंतेहा-ए-दर्द-ए-दिल, लाख तेरा दिल पत्थर का सही कब का मोम कर देते।
जो गूजरे शहर से तेरे तो ख्याल आया, कभी हमने भी पत्थरो से मोहब्बत की थी।
ज़माना चाहता है क्यों मेरी फ़ितरत बदल देना, इसे क्यों ज़िद है आख़िर फूल को पत्थर बनाने की।
अब वफ़ा का नाम न ले कोई हमें बेवफ़ा की तलाश है, पत्थर का दिल सीने में हो हमें उस खुदा की तलाश है।
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना, हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं।
रेत पर नाम लिखते नही रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नही, लोग कहते हैं पत्थर दिल है हम लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नही।
इतनी चाहत के बाद भी तुझे एहसास ना हुआ, जरा देख तो ले दिल की जगह पत्थर तो नहीं।
दिल मे कुछ अरमान थे, मगर बेदर्द इंसान थे, अपना गुजारा कैसे होता, कांच का दिल था पत्थर के मकान थे।
पत्थर सा दिल कहाँ से लाऊ, कंक्रीट की बस्ती में निभ पाऊं।
तराशने वाले पत्थरों को भी तराश देते है, नासमझ हीरे को भी पत्थर क़रार देते है।
गर पत्थर है तू तो मुझे पत्थर कबूल है, तेरे सदके मै अपनी सारी इबादते कर दू।
पत्थर से प्यार किया नादान थे हम, गलती हुई क्यों की इंसान थे हम, आज जिन्हे नज़रे मिलाने में तकलीफ होती है, कभी उसी शख्स की जान थे हम।
अपनी नाराज़गी पत्थर सी नहीं, बर्फ सी रखिएगा जो कुछ देर में ही पिघल जाए।
बेहतर से बेहतर कि तलाश करो, मिल जाये नदी तो समंदर कि तलाश करो, टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से, टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो।
कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है, लो हमने देख ली दुनिया, जो इतनी खुबसूरत है।
जमाना अपनी समझे पर, मुझे अपनी खबर यह है, तुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है।
अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की, तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते।पत्थर शायरी in Urdu
इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है? लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है।
तेरे शहर के कारीगर बङे अजीब हैं ए दिल, काँच की मरम्मत करते हैं पत्थर के औजारों से।
वाकई पत्थर दिल ही होते हैं शायर, वर्ना अपनी आह पर वाह सुनना कोई मज़ाक नहीं।
लोग कहते हैं कि मेरा दिल पत्थर का है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जो इसे भी तोड़ गए।pathar shayari in Urdu
पत्थरों से ना किसी पे वार कर, हो सके तो तू सभी से प्यार कर।
खता ए इश्क़ नही देखता महबूब पत्थर है या कोहिनूर है, गर इश्क़-इश्क़ है तो हर हाल में मंजूर है।
जरा सा भी नही पिघलता दिल तेरा, इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से ख़रीदा है?
चुप हैं किसी सब्र से तो पत्थर न समझ हमें, दिल पे असर हुआ है तेरी हर एक बात का।pathar shayari in hindi
पत्थर तो बहुत मारे थे लोगो ने मुझे, लेकिन जो दिल पर आ के लगा वो किसी अपने ने मारा।
देखो यु रूठा ना करो, मेरा दिल दुखता हैं, मेरा दिल भी दिल हैं, कोई पत्थर तो नहीं।
शायद कोई तराश कर मेरी किस्मत संवार दे, यह सोच कर हम उम्र भर पत्थर बने रहे।
कोई मुझे भी पत्थर सा दिल ला दो यारों, आखिर मुझे भी इंसानो की बस्ती में ही जीना है।pathar shayari two line in hindi
हमारा दिल ऐसे टुटा है जैसे किसी ने मार दिया हो शीशे पे पत्थर, फिर भी लिखा है हर टुकड़े पे आपके नाम का अक्षर।
कभी पत्थर कहा गया तो कभी शीशा कहा गया, दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया।
पत्थर-की-दुनिया जज़्बात नहीं समझती, दिल-में-क्या है वो बात नहीं समझती, तनहा तो चाँद भी है सितारों के बीच में, पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
वह पत्थर भी मारे तो झोली भर लेँगे, महबूब के तोहफे को कभी ठूकराया नहीँ करते।pathar shayari in hindi
फिर यूँ हुआ कि दर्द की लज़्ज़त भी छिन गयी, एक शख़्स ने मुझे मोम से पत्थर बना दिया।
दर्द-ए-दिल पिघलेगें पत्थर भी मोहब्बत की तपिश पाकर, बस यही सोचकर हम पत्थर से दिल लगा बैठे।
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे, या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे।
मैं शीशा हूं तू पत्थर है तू मेरा अहले मुकद्दर है, मैं जीयूंगा या मर जाउंगा ये फ़ैसला तेरे ऊपर है।पत्थर शायरी Hindi
दिखाई कम दिया करते हैं बुनियाद के पत्थर, ज़मीं में जो दब गये इमारत उन्हीं पे क़ायम है।
मैं आईना हूँ टूटना मेरी फितरत है, इसलिए पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं।
पागल हो जाने का भी गजब फायदा है साहब, लोग पत्थर तो उठाते है मगर उँगली नही।
हटाये थे जो राह से दोस्तों की, वो पत्थर मेरे घर में आने लगे हैं।पत्थर शायरी 4 लाइन
कभी पत्थर के ख़ुदा, कभी पत्थर के इंसान, तो कभी पत्थर के सनम मिले, बे-मंज़िल ज़िन्दगी के हर मोड़ पर, नाम बदल बदल के ग़म मिले।
अब वफ़ा का नाम न ले कोई हमें बेवफ़ा की तलाश है, पत्थर का दिल सीने में हो हमें उस खुदा की तलाश है।
ना उसने मुड़ कर देखा ना हमने पलट कर आवाज दी, अजीब सा वक्त था जिसने दोनो को पत्थर बना दिया।
दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढ़े, पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यूँ है।पत्थर शायरी 4 लाइन
मोहब्बत करने वालो को दीवाना कह दिया, प्यार मे जलने वालो को परवाना कह दिया, दफना दिया मोहब्बत को पत्थरो के नीचे, लोगो ने उसे मुमताज का आशियाना कह दिया।
बदलती रहती हैं हकीकतों की बारिश वक्त के साथ, काश उम्मीदों के घरौंदे समझ के पत्थरों से बनातें।
मुझ में नही खुदा में भी फर्क है, एक रास्ते पे रखा है एक महंगे पत्थरो में दर्ज है।
हमने हमारे इश्क़ का इज़हार यूँ किया, फूलों से तेरा नाम पत्थरों पे लिख दिया।पत्थर Status
मेरा गाँव भी तिरे शहर जैंसा हो गया है, यहाँ भी हर आदमी पत्थर जैंसा हो गया है।
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम, गलती हुई क्योकि इंसान थे हम, आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं, कभी उसी शख्स की जान थे हम।
हमारी मोहब्बत को तुम युं नजर अंदाज ना करो, हम तो वो इंसान है जो पत्थरों में भी जान डाल देते है, तुम तो चीज ही क्या हो?
कभी नज़रअंदाज़ मत करो उसको, जो तुम्हारी बहुत परवाह करता हो, वरना किसी दिन तुम्हे एहसास होगा।
कि पत्थर जमा करते करते, तुमने हीरा गवां दिया।
रस्मे उल्फत को निभाने की ज़रुरत क्या है, यह तो पत्थर है मानाने की ज़रुरत क्या है, साथ में भीड़ लगाने की ज़रुरत क्या है, हो यकीन खुद पे ज़माने की ज़रुरत क्या है।
हथेली पर रख कर नसीब तू क्यों अपना मुकद्दर ढूँढ़ता है, सीख उस समन्दर से जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढ़ता है।
हाथों में पत्थर नहीं फिर भी चोट देती है, ये जुबान भी अजीब है अच्छे-अच्छों के तोड देती है।पत्थर शायरी in Urdu
कितना गम जदा रहा हूँ तेरी जुदाई में सनम, मेरे हालात देख कर पत्थर भी पिघल जाते।
दिल आने की बात है यारो अपने बस की बात कहां, प्यार अगर हो पत्थर से फिर हीरे की औकात कहाँ?
तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता, वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता।
दर्द ओ गम से हमेशा के लिए पीछा छुड़ा लिया, बार बार टूट जाता था दिल पत्थर का बना लिया।पत्थर शायरी in hindi / urdu
दर्द भी वो दर्द जो दवा बन जाये, मुश्किलें बढ़ें तो आसां बन जाये, जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ, जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये।
लोग कहते थे मेरा दिल पत्थर का है, यकीन मानिये कुछ लोग उसे भी तोड़ गए।
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं, उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में।
अगर वो पत्थर दिल हैं तो, मै भी छैनी-हथौड़ा लेके बैठी हूँ, दिल में जगह तो बना के रहूंगी।pathar quote and shayari in Urdu
कभी पसंद न आये साथ मेरा तो बता देना, हम दिल पर पत्थर रख के तुम्हे गोली मार देंगे, बड़े आये, नापसंद करने वाले ।
जब दुशमन पत्थर मारे तो उसका जवाब फूल से दो लेकिन वो फूल उसकी कब्र पर दो।
हमारे पूर्वज पत्थरो से आग लगाते थे, और पड़ोसन नई पटियाला सूट पहनकर।
मुझ पर मरने वाले हज़ारो हैं पर, मै जिस पत्थर दिल पे मरता हूँ, वह लाखों में एक है।
पत्थर हूँ मैं...चलो मान लिया, तुम तो हुनरमंद थे तराशा क्यों नहीं मुझे।