Wajood Shayari two Line Status | वजूद शायरी
Mukesh Kumar
November 03, 2023
Wajood Shayari two Line
मेरी फितरत में नहीं,
अपने गम बयां करना,
अगर तू मेरे वजूद का हिस्सा है,
तो महसूस कर तकलीफ मेरी।
जिसको भी हासिल,
किरदार ना हुआ मेरा,
वो मेरे दामन-ऐ-वजूद,
को दाग़दार कह गए।
मुझको मेरे वजूद की हद तक न जानिए,
बेहद हूँ बेहिसाब हूँ बेइन्तहा हूँ मैं।
वजूद की तलब ना कर,
हक है तेरा रूह तक,
सफर तो कर।
वजूद Status
तू खुद की खोज में निकल,
तू किस लिए हताश है,
तू चल तेरे वजूद की,
समय को भी तलाश है।
मेरी आंखों में तू,
अपना वजूद रहने दे,
कुछ देर ही सही मुझे तू,
अपने करीब रहने दे।
बना के छोड़ देते हैं,
अपने वजूद का आदि,
कुछ लोग इस तरह भी,
मुहब्बत का सिला देते हैं।
अपने वजूद को खो कर,
तुझे चाहा था,
तूने कदर नही की,
कमी मुझमे ही होगी।
वजूद Status
तेरी याद से ही महक जाता है वजूद मेरा,
यकीनन ये फकत इश्क नहीं कोई जादू है तेरा।
मेरा वजूद खत्म हुआ,
अब सिर्फ सांसें चलती है,
इश्क़ का जनाज़ा तुम भी देख लो,
सच्ची मोहब्बत कैसे जलती है।
आपकी याद मेरी जान है,
शायद इस हकीकत से आप अंजान है,
मुझे खुद नही पता की मेरा वजूद क्या है,
शायद आपका प्यार ही मेरी पहचान है।
मुझको मेरे वजूद की हद तक न जानिए,
बेहद हूँ, बेइंतेहा हूँ, बेहिसाब हूँ मैं।
वजूद Shayari
अपने वजूद का अंदाजा इसी से लगा,
तू सांस है मेरी वो भी रूकी हुई।
मेरे वजूद का लिबास था,
वो शख्स जो छोड़ गया,
अब रकीबों को मुबारक हो,
उतरन हमारी।
मेरे वजूद में बहुत गहरे से समाया है तू,
तेरा होना ज़रूरी है, मेरे होने के लिए।
टूट सा गया है मेरी चाहतों का वजूद,
अब कोई अच्छा भी लगे तो,
हम इजहार नहीं करते।
वजूद शायरी Status
जिसको भी हासिल किरदार ना हुआ मेरा,
वो मेरे दामन-ए-वजूद को दाग़दार कह गए।
ना पास आओ के जमना बड़ा सताता है,
मेरे वजूद को ठोकरों से मिटाता है।
मोहब्बत यूँ ही किसी से,
हुआ नहीं करती,
अपना वजूद भूलाना पडता है,
किसी को अपना बनाने के लिए।
मिरे महबूब इतराते फिरते थे,
जवानी पे अपनी,
मिरे बिना अपना वजूद जो देखा तो,
रूह कांप गई।
आपकी याद मेरी जान है,
शायद इस हकीकत से आप अंजान है,
मुझे खुद नही पता की मेरा वजूद क्या है,
शायद आपका प्यार ही मेरी पहचान है।
तेरी निगाह-ए-नाज़ में,
मेरा वजूद-बे-वजूद,
मेरी निगाह-ए-शोक में,
तेरे सिवा कोई नहीं।
मेरे वजूद के बाएँ पहलू में,
दिल नही तुम धड़कते हो।
तेरे वजूद को छू ले तो फिर मुकम्मल हो,
भटक रही है ख़ुशी कब से दर-ब-दर मुझ में।
सामने मंज़िल थी और पीछे उसका वजूद,
क्या करते हम भी यारों,
रुकते तो सफर रह जाता ,
चलते तो हमसफ़र रह जाता।
वजूद शायरी 2 लाइन / वजूद Status
आपकी याद मेरी जान है,
शायद इस हकीकत से,
आप अंजान है,
मुझे खुद नही पता की,
मेरा वजूद क्या है,
शायद आपका प्यार ही,
मेरी पहचान है।
उसके वजूद से बनी हूँ मैं,
पहले जिन्दा थी अब जी रही हूँ मैं।
गजब का है,
मेरे दिल में उसका वजुद,
मैं खुद से दुर,
वाे हर पल मुझमे माैजुद।
एक साथ रहोगे तो राज करोगे,
अलग अलग रहने से,
एक दिन वजूद मिटना तय है।
रावण सा अहंकार न कर खुद के वजूद पर,
एक दिन चला जाएगा यह दुनिया छोड़कर।
वजूद शायरी Urdu
चन्द हाथों मे ही सही महफूज है,
शुक्र है इंसानियत का भी वजूद है।
वो लफ्ज कहाँ से लाऊं,
जो तेरे दिल को मोम कर दें,
मेरा वजूद पिघल रहा है,
तेरी बेरूखी से।
मेरा वजूद मिट रहा है,
इश्क़ में तेरे,
अब यह ना कहना की,
जिस्म की चाहत है मुझे।
मेरे लफ्जों से न कर,
मेरे किरदार का फ़ैसला,
तेरा वजूद मिट जायेगा,
मेरी हकीकत ढूंढ़ते ढूंढ़ते।
वजूद Shayari
महक जाता है वजूद मेरा,
जब तुम साथ मेरे होते हो,
फिर जमाने का क्या,
वो मेरे साथ हो ना हो।
तेरी मुहब्बत ही से,
महक जाता है वजूद मेरा,
यकीनन ये फकत इश्क नहीं,
कोई जादू है तेरा।
वजूद मिट गया उनका,
जो हमें मिटाने की बात करते थे।
एक ही ज़ख़्म नही,
पूरा वजूद ही ज़ख़्मी है,
दर्द भी हैरान है,
आख़िर कहां कहां से उठे।
तेरे वजूद से हैं मेरी मुक़म्मल कहानी,
मैं खोखली सीप और तू मोती रूहानी।
वजूद शायरी Urdu
गज़ब का है मेरे दिल में तुम्हारा वजूद,
मैं ख़ुद से दूर और तुम मुझमें मौजूद।
ये इश्क़ है साहब,
ये वजूद हिला देता है,
आप और मैं क्या हैं,
ये अच्छे अच्छों को ख़ाक़ में मिला देता है।
मेरी चाहत का वजूद,
टूट सा गया है,
अब कोई अच्छा भी लगे तो,
हम इज़हार नहीं करते।
मेरे वजूद में ऐ काश तू उतर जाए,
मैं देखूं आईना और तू नजर आए,
तू हो सामने और वक्त ठहर जाए,
ये जिंदगी तूझे यूं ही देखते हुए गुजर जाए।
वजूद Shayari
दिलों में रहता हूँ धड़कने थमा देता हूँ,
मैं इश्क़ हूँ वजूद की धज्जियाँ उड़ा देता हूँ।
अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया,
मैं ज़िंदगी का देते देते सूद ख़त्म हो गया,
फ़रियाद आज़र।
हम तेरे बिन अब रह नही सकते,
तेरे बिना क्या वजूद मेरा।
छू लिया तूने आ कर के,
इस तरह मेरा वज़ूद,
साँस भी तेरी अब मुझे,
अपने जैसी ही लगती है।
वजूद Shayari
तेरे इश्क से मिली है,
मेरे वजूद को ये शौहरत,
मेरा ज़िक्र ही कहाँ था,
तेरी दास्ताँ से पहले।
यह गुमशुम चेहरा,
ये झुकी निगाहें,
और खोया खोया वजुद मेरा।
मैं जो मिट भी गया तो वजूद मेरा,
सदा तुझमे रहे जिंदा।
रेगिस्तान की झुलसती रात के,
बारिश हो तुम,
मेरा वजूद, मेरा ख्वाब,
मेरी ख्वाहिश हो तुम।
वजूद Shayari
हवाओ से भी लड़ती है,
एक चराग के वजूद की खातिर,
शमां' में मां सुनाई देना,
महज एक इतिफाक नही।
अपने वजूद पे इतना तो,
यकीन है हमें कि,
कोई दूर तो हो सकता है हमसे,
पर हमें भूल नहीं सकता।
वजूद मेरा भी एक दिन तो,
मशहूर होगा,
कभी-ना-कभी मेरे हाथों,
कोई तो कुसूर होगा।
तस्वीर के हर रंग का,
अपना ही वजुद होता है,
जीतता वहीं है,
जो हर वक़्त मुकद्दर से लड़ता है।