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50+ Best Dard Shayari - Dard Bhari Shayari in Hindi

Dard Shayari

प्यार मोहब्बत तो सभी करते हैं, दर्द-ए -जुदाई से सभी डरते हैं।
हम न तुमसे प्यार करते हैं ना ही मोहब्बत, हम तो बस तुम्हारी एक मुस्कराहट के लिए तरसते हैं।
उदासी तुम पे बीतेगी तो, तुम भी जान जाओगे। कि कितना दर्द होता है किसी के, नज़रअंदाज़ करने से।
Dard Bhari Shayari Hindi Mai
टूटा हो दिल तो दुःख होता है, करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है।
दर्द का एहसास तो तब होता है, जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है।
दर्द भी वो दर्द जो दवा बन जाये, मुश्किलें बढ़ें तो आसां बन जाये।
जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ, जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये।
Dard Bhari Shayari in Hindi For Girlfriend
मेरी जिंदगी की कहानी भी बड़ी मशहूर हुई, जब मैं भी किसी के ग़म में चूर हुई।
मुझे इस दर्द के साथ जीना पड़ा, कुछ इस कदर मैं वक़्त के हाथों मजबूर हुई।
न तस्वीर है आपकी जो दीदार किया जाये, न आप पास हो, जो इश्क किया जाये, ये कैसा दर्द दिया है, न कुछ कहा जाये, न कुछ सुना जाये।
दर्द भी तुम दवा भी तुम, इबादत भी तुम ख़ुदा भी तुम।
Dard Bhari Shayari in Hindi
चाहा भी तुमको और पाया भी नहीं, साथ भी तुम और जुदा भी तुम।
इक़ दर्द छुपा हो सीने में तो, मुस्कान अधूरी लगती है।
जाने क्यों बिन तेरे, मुझको हर शाम अधूरी लगती है।
उसके दिल पर भी, क्या खूब गुज़री होगी, जिसने इस दर्द का नाम, मोहब्बत रखा होगा।
मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था, मुझे आप किसलिए मिल गए।
मैं अकेले यूँ ही मजे में था, मुझे आप किसलिए मिल गए।
दिल में है जो दर्द वो किसे बताए, हँसते हुए ज़ख्म को किसे दिखाए।
कहती है ये दुनिया हमे खुशनसीब, मगर नसीब की दास्तान किसे सुनाए।
ज़हर की चुटकी ही मिल जाए बराए दर्द-ए-दिल, कुछ न कुछ तो चाहिए बाबा दवा-ए-दर्द-ए-दिल।
रात को आराम से हूँ मैं न दिन को चैन से, हाए ऐ वहशते दिल, हाए हाए दर्द-ए-दिल।
मोहब्बत करने वालों का यही हश्र होता है, दर्द-ए-दिल होता है, दर्द-ए-जिगर होता है।
बंद होंठ कुछ ना कुछ गुनगुनाते ही रहते हैं, खामोश निगाहों का भी गहरा असर होता है।
बात करनी थी, बात कौन करे, दर्द से दो-दो हाथ कौन करे।
हम सितारे तुम्हें बुलाते हैं, चाँद न हो तो रात कौन करे।
दर्द दर्द में कोई मौसम प्यारा नही होता, दिल हो प्यासा तो पानी से गुजारा नही होता।
कोई देखे तो हमारी बेबसी, हम सभी के हो जाते हैं, पर कोई हमारा नही होता।
कागज़ पे हमने भी ज़िन्दगी लिख दी, अश्क से सींच कर उनकी खुशी लिख दी।
दर्द जब हमने उबारा लफ्जों पे, लोगों ने कहा वाह क्या गजल लिख दी।
प्यार और शराब में छोटा सा फर्क हैं, लेकिन ये फर्क बहुत बड़ा हैं।
प्यार दर्द देता हैं, शराब दर्द भुला देता हैं।
हर जख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है, मेरी जिंदगी बस एक कहानी है मिटा देते।
सनम के दर्द को सीने से पर ये दर्द ही, उसकी आखिरी निशानी है।
जब लगा था तीर तब, इतना दर्द न हुआ।
ज़ख्म का एहसास तब हुआ, जब कमान देखी अपनों के हाथ में।
इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल, दोनों तरफ़ इक दर्द-ए-जिगर है।
दिल की तड़प का हाल न पूछो, जितनी इधर है उतनी उधर है।
दर्दे दिल की दवा नहीं करते, ये करम दिलरुबा नहीं करते।
चोट खाई तो ये यकीन हुआ, हुस्न वाले कभी दुआ नहीं करते।
ख्वाबो में मेरे आप रोज आते हो, कभी दर्द, कभी खुशियाँ दे जाते हो।
कितना प्यार करते हो आप मुझ से, सिर्फ मेरे इस सवाल का जवाब टाल जाते हो।
ज़ख़्म दे कर ना पुछा करो, दर्द की शिद्दत।
दर्द तो दर्द होता है, थोड़ा क्या ज्यादा क्या।
दर्द कितने है बता नहीं सकता, जख्म कितने है दिखा नहीं सकता।
आँखों से समझ सको तो समझ लो, आंसू गिरे है कितने गिना नहीं सकता।
रात भर जलता रहा ये दिल उसकी याद में, समझ नही आता दर्द प्यार करने से, होता है या याद करने से।
ये जानकर ख़ुशी हुई के उसे भी, मेरे दुःख दर्द का एहसास है।
कहती है इतना उदास रहते हो, तो मर क्यूँ नही जाते।
किन लफ़्ज़ों में बंया करूँ दर्द-ए-दिल को मैं, सुनने वाले तो बहुत हैं, समझने वाला कोई नही।
इश्क़ ने जब माँगा खुदा से, दर्द का हिसाब।
वो बोले हुस्न वाले ऐसे ही बेवफाई, किया करते हैं।
वो जान गयी थी, हमें दर्द में मुस्कराने की आदत हैं।
वो रोज नया जख्म देती थी, मेरी ख़ुशी के लिए।
टुकड़ा टुकड़ा नाम ऐ मोहब्बत, कतरा कतरा दर्द ऐ दिल।
जर्रा जर्रा ,धड़कन ऐ वफ़ा, बूँद-बूँद, अश्क़ ऐ निगाह, यही इश्क़ है,इश्क़ हैं, इश्क हैं।
बेहद बेकाबू इश्क मे, दर्द मिलना लाजमी है गालिब।
पर दर्द हद से गुजर जाये तो, दवा हो जाया करता है।
तुझसे नराज़ नहीं ज़िन्दगी, बस खुद से खफा हैं।
जी रहे हैं बिन तमन्ना, शायद ये ही दर्द ए दिल की दवा हैं।
रहेंगे दर्द जिंदगी में, तो ख़ुशी का इंतजाम क्या होगा।
निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा?
इस बहते दर्द को मत रोको, ये तो सज़ा है किसी के इंतज़ार की।
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी पर, ये तो निशानी हैं किसी के प्यार की।
सीख गए हम भी अपने दर्द को छुपाना, सीख गए हम भी बहाना बनाना।
ना सीख पाए तो बस इतना, अपने दिल को खुश कर औरों के दिल को दुखाना।
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, अकेले थे हम अकेले ही रह जाते हैं।
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे, मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं।
न तस्वीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये, न तुम पास हो जो तुमसे प्यार किया जाये।
यह कौन सा दर्द दिया है तुम ने मुझे, न तुमसे कुछ कहा जाए न तुम बिन रहा जाये।
किसी हसीना की कातिल नजरों से घायल हो गए, खुद से भी आँख मिला ना सके इतने कायर हो गए।
इश्क में मेरा ये दिल कुछ इस कदर टूटा, दिल का दर्द लिखते-लिखते हम भी शायर हो गए।
सो गए वो इश्क़ के सारे घायल पंछी, जरा सी मलहम मिलने पर।
सुबह फिर अपनी डालियो पर बैठेंगे, और इश्क़ करेगेऔर, फिर दर्द ये दिल की चोट लगेगी।
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको, किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको।
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा, अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको।
कुछ चेहरे लाजवाब लगते हैं, मोहब्बत के लम्हें शराब लगते हैं।
दर्द इतने सहे मोहब्बत में मैंने, कि अब होश के पल खराब लगते हैं।
हमें ये मोहब्बत किस मोड़ पे ले आई, दिल में दर्द है और ज़माने में रुसवाई।
कटता है हर एक पल सौ बरस के बराबर, अब मार ही डालेगी मुझे तेरी जुदाई।
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ, हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ।
सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें, खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ।
ना कर तू इतनी कोशिशे, मेरे दर्द को समझने की।
तू पहले इश्क़ कर, फिर चोट खा, फिर लिख दवा मेरे दर्द की।
सख़्त-जाँ भी हैं और नाज़ुक भी, दर्द के बावजूद जीते हैं।
ज़िंदगी ज़हर है, मगर फिर भी जीते हैं।
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं, सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मै।
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे, दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मै।
ना कर तू इतनी कोशिशे, मेरे दर्द को समझने की।
पहले इश्क़ कर, फिर चोट खा, फिर लिख दवा मेरे दर्द की।
ज़ख्म की बात नहीं है जाने क्यों दर्द होता है, धोखे की बात नहीं है जाने क्यों एहसास होता है।
जानते हुए की वो बेवफा है, ना जाने फिर भी प्यार क्यों होता है।
वो आए थे मेरा, दुख-दर्द बाँटने के लिए।
मुझे खुश देखा तो, खफा होकर चल दिये।
अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आंसू, अभी तो छेड़ी ही कहा हे दर्द-ए-दिल की दास्तान हमने।
मैं हँसकर अपना दर्द सुनाऊंगा, तुम रो भी नही पाओगे।
मेरे जख्मों को आज कुरेदे गर, तुम सो भी नही पाओगे।
याद करने से किसी का दीदार नहीं होता, युही किसी को याद करना प्यार नहीं होता।
यादों में किसी की हम भी तड़पते है, बस उन्हें हमारे दर्द का एहसास नहीं होता।
तेरे हिसाब से अब और दिखा न जाएगा, ज़ख्म अब नासूर बन गए हैं ज़िन्दगी, मुझसे अब दर्द-ए-दिल और लिखा न जाएगा।
तुम्हारे प्यार में हम बैठें हैं चोट खाए, जिसका हिसाब न हो सके उतने दर्द पाए।
फिर भी तेरे प्यार की कसम खाके कहता हूँ, हमारे लब पर तुम्हारे लिये सिर्फ दुआ आये।
तलाश है इक ऐसे शक्स की, जो आँखो मे उस वक्त दर्द देख ले।
जब दुनियाँ हमसे कहती है, क्या यार तुम हमेशा हँसते ही रहते हो।
बहुत हो चुका इंतजार उनका, अब और जख्म सहे जाते नहीं।
क्या बयान करे उनके सितम को, दर्द उनके अब कहे जाते नहीं।
कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं, उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं।
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है, अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं।
जब ख़ुशी मिली तो, कई दर्द मुझसे रूठ गए।
दुआ करो कि मैं फिर से, उदास हो जाऊं।
कत्ल कर के वो कातिल का नाम पूछते है, दर्द देकर वो दवा का नाम पूछते है।
मार गये हम उनकी इस अदा पे, होकर मेरे खुदा वो मेरे रहनुमा का नाम पूछते है।
हमारी हर ख़ुशी का एहसास तुम्हारा हो, तुम्हारे हर ग़म का दर्द हमारा हो।
मर भी जाए तो हमें कोई ग़म नही, बस आख़िरी वक़्त साथ तुम्हारा ह।
दर्द मिन्नत-कशे-दवा न हुआ, मै न अच्छा हुआ बुरा न हुआ।
जमा करते हो क्यों रकीबो को, एक तमाशा हुआ गिला न हुआ।

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