Akhbaar Shayari Status Images In Hindi Urdu अख़बार शायरी स्टेटस का बेहतरीन कलेक्शन
Mukesh Kumar
December 20, 2023
Best Akhbaar Shayari Status Images In Hindi Urdu
ज़िन्दगी अख़बार की तरह हैं,
जब तक रहोगे पढ़े जाओगे,
बाद में जला दिए जाओगे।
Akhbaar Shayari For Whatsapp
ये अख़बार छोड़ों कभी मेरी आँखों को भी पढ़ लो।
"2 Line Akhbaar Poetry Images"
सुर्ख़ियाँ अख़बार की गलियों में ग़ुल करती रहीं,
लोग अपने बंद कमरों में पड़े सोते रहे।
"Akhbaar Shayari"
कुछ खबर तो देते अपनी,
सुना हैं एक समय तुम अख़बार हुआ करते थे।
Akhbaar Shayari Images In Urdu
ऐसे मर जाएँ कोई नक़्श न छोड़ें अपना,
याद दिल में न हो अख़बार में तस्वीर न हो।
"Shayari On Akhbaar"
अख़बार नहीं हूँ मैं सबको हाल बताता फिरू,
सूरते हाल ही जानना हैं तो मेरी नज़रों को पढों।
Akhbaar Shayari
v कैसे कहूँ आज इतवार हैं,
बुरी खबरों से भरा आज भी अख़बार हैं।
Akhbaar Poetry
छप के बिकते थे जो अख़बार,
सूना हैं इन दिनों बिक के छपा करते हैं।
One Line Akhbaar Shayari
रात के लम्हात ख़ूनी दास्ताँ लिखते रहे,
सुब्ह के अख़बार में हालात बेहतर हो गए।
Akhbaar Quotes In Hindi
झूठ हर घंटे टेलीविजन पर चीखता हैं,
सच अखबार के पन्नों में कही खो जाता हैं।
"Hindi Shayari On Akhbaar"
मैं वो फटा हुआ अख़बार हूँ,
जिसे यह वक़्त लिख के मिटा चूका हैं।
2 Line Akhbaar Shayari
वो ख़ुश-नसीब थे जिन्हें अपनी ख़बर न थी,
याँ जब भी आँख खोलिए अख़बार देखिए।
"Akhbaar Status For Facebook"
उन्हें शोक था अखबारों के पन्नो पर बने रहने का,
वक़्त ऐसा गुज़रा की वह रद्दी के भाव बिक गये।
Akhbaar Status Images In Hindi Urdu
शामें मेरी अख़बार में, सुबह बिस्तर में, गुजर रही है।
Best Akhbaar Shayari Images In Hindi Urdu
गुमनाम एक लाश कफ़न को तरस गई,
काग़ज़ तमाम शहर के अख़बार बन गए।
"Akhbaar Status For WhatsApp"
वो शोर करते रहे सुर्ख़ियों में आने के लिए,
हमारी ख़ामोशी अख़बार में छप गई।
"अख़बार शायरी स्टेटस"
सुर्ख़ियाँ ख़ून में डूबी हैं सब अख़बारों की,
आज के दिन कोई अख़बार न देखा जाए।
Akhbaar Par Shayari Images
इंसान कागज पर रख कर खाना खाये तो कैसे खाये साहिब,
खून से लथपथ आता है हर अखबार आजकल।
इस वक़्त वहाँ कौन धुआँ देखने जाए,
अख़बार में पढ़ लेंगे कहाँ आग लगी थी।
अख़बार को आईना दिखा दो कोई,
थोडा झूठ बोलने लगा हैं आजकल।
Akhbaar Shayari Images In Hindi
दस बजे रात को सो जाते हैं ख़बरें सुन कर,
आँख खुलती है तो अख़बार तलब करते हैं।
मुफ़्त की कोई चीज बाजार में नहीं मिलती,
किसान के मरने की सुर्खियां अखबार में नहीं मिलती।
तुम्हारे झूठे बातो पर भी ऐतबार हो जाता हैं,
अख़बार समझ कर भी प्यार हो जाता हैं।
"Akhbaar Shayari Images"
खींचो न कमानों को न तलवार निकालो,
जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो।
हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना है,
कभी अख़बार पढ़ लेना कभी अख़बार हो जाना।
कौन पढ़ता है यहाँ खोल के अब दिल की किताब,
अब तो चेहरे को ही अख़बार किया जाना है।
Shayari On Akhbaar
सो जाते हैं फूटपाथ पे अख़बार बिछा कर,
मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते।
किताबें, रिसाले न अख़बार पढ़ना,
मगर दिल को हर रात इक बार पढ़ना।
ज़रा सी चाय गिरी और दाग़ दाग़ वरक़,
ये ज़िंदगी है कि अख़बार का तराशा है।
"Jhuthe Akhbaar Par Shayari"
आज-कल घरो में अख़बार आना बंद हो गया हैं,
सूना हैं लोग भी अब अख़बार बनने लगे हैं।
बम फटे लोग मरे ख़ून बहा शहर लुटे,
और क्या लिक्खा है अख़बार में आगे पढ़िए।
घर में अखबार भी अब किसी बुजुर्ग सा लगता है,
जरूरत किसी को नहीं, जरूरी फिर भी है।
Jhuthe Akhbaar Par Shayari
हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना है,
कभी अख़बार पढ़ लेना कभी अख़बार हो जाना।
खबर को दुरुस्त होने का हर मौका देता हूँ,
मैं अख़बार भी शाम को फुर्सत से पढ़ता हूँ।
कोई कॉलम नहीं है हादसों पर,
बचा कर आज का अख़बार रखना।
"Akhbaar Poetry Images"
इस बाज़ार में आकर बाज़ार हो गया हूँ,
ख़त बनाने आया था, अख़बार हो गया हूँ।
जो दिल को है ख़बर कहीं मिलती नहीं ख़बर,
हर सुब्ह इक अज़ाब है अख़बार देखना।
कोई नहीं जो पता दे दिलों की हालत का,
कि सारे शहर के अख़बार हैं ख़बर के बग़ैर।
Hindi Akhbaar Shayari
मुझ को अख़बार सी लगती हैं तुम्हारी बातें,
हर नए रोज़ नया फ़ित्ना बयाँ करती हैं।
मुझ महबूब सा लगता हैं यह अख़बार,
ये भी अब झूठ बोलता हैं और वो भी झूठ बोलता हैं।