Bahaar Shayari Status Images In Hindi बहार शायरी स्टेटस फेसबुक वाट्सऐप
Mukesh KumarJanuary 26, 2024
Bahaar Shayari Status Images In Hindi Urdu
ये दिल फरेब तबस्सुम ये मस्त नजर,
तुम्हारे दम से चमन में बहार बाकी है।
जो थी बहार तो गाते रहे बहार का राग ख़िज़ाँ
जो आई तो हम हो गए ख़िज़ाँ की तरफ़।
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उधर भी ख़ाक उड़ी है इधर भी ख़ाक उड़ी
जहाँ जहाँ से बहारों के कारवाँ निकले।
प्यार में एक ही मौसम है बहारों का मौसम लोग
मौसम की तरह फिर कैसे बदल जाते हैं।
Bahaar Shayari Images
मैं ख़िज़ाँ की शाम हूँ रुत बहार की है तू।
मौसम-ए-बहार है अम्बरीं ख़ुमार है,
किस का इंतिज़ार है गेसुओं को खोलिए।
"बहारों पर स्टेटस फेसबुक"
तुम कहो तो बहार बनकर सब मौसमों को मात देदूं।
बहारों की नज़र में फूल और काँटे बराबर हैं,
मोहब्बत क्या करेंगे दोस्त दुश्मन देखने वाले।
Bahaar Shayari In Urdu
बहार आई कि दिन होली के आए
गुलों में रंग खेला जा रहा है।
"मौसम-ए-बहार शायरी"
मेरी आँखों में हैं आँसू तेरे दामन में बहार गुल बना सकता है
तू शबनम बना सकता हूँ मैं।
आज है वो बहार का मौसम फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए।
Bahaar Shayari In Hindi
बड़ी तलब थी बड़ा इंतिज़ार देखो तो बहार लाई है कैसी बहार देखो तो।
और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे।
Shayari on Bahaar
तेरे क़ुर्बान 'क़मर' मुँह सर-ए-गुलज़ार न खोल,
सदक़े उस चाँद सी सूरत पे न हो जाए बहार।
टपक के आँखों से आए लहू जो दामन तक तो इस बहार से बेहतर कोई बहार न हो।
"बहारों पर शायरी"
लुत्फ़-ए-बहार कुछ नहीं गो है वही बहार,
दिल ही उजड़ गया कि ज़माना उजड़ गया।
"Shayari on Bahaar"
शाख़ों से बर्ग-ए-गुल नहीं झड़ते हैं बाग़ में ज़ेवर उतर रहा है उरूस-ए-बहार का।
कोई एसी बजमे बहार हो जहाँ मैं यकीं दिला सकूं कि तेरा नाम है फसले गुल कि तुझी से हैं ये करामतें।
"Bahaar Shayari In Urdu"
तेरे दम से थी बहारों में बहार अब कहाँ है वो बहार-ए-ज़िंदगी।
खुशबू ग़ुंचे तलाश करती है बीते रिश्ते तलाश करती है अपने माज़ी की जुस्तज़ू में बहार पीले पत्ते तलाश करती है।
"Bahaar Shayari Image"
ये सोचते ही रहे और बहार ख़त्म हुई कहाँ चमन में नशेमन बने कहाँ न बने।
कुछ करो फ़िक्र मुझ दीवाने की, धूम है फिर बहार आने की।
Bahaar Shayari For WhatsApp
फिर देख उसका रंग निखरता है किस तरह,
दोशीजए- खिजां को खिताब-ए-बहार दे।
तिनकों से खेलते ही रहे आशियाँ में हम,
आया भी और गया भी ज़माना बहार का।
Bahaar Shayari Images In Hindi Urdu
सौ बहारों की है बहार 'जिगर' उन का रह रह के मुस्कुरा देना।
बहार आए तो मेरा सलाम कह देना मुझे तो आज तलब कर लिया है सहरा ने।
Bahaar Shayari In Hindi For FB
जब से छूटा है गुलिस्ताँ हम से रोज़ सुनते हैं बहार आई है।
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है,
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।
"मौसम बहार शायरी"
अपने लिए भी मौसमे गुल है बहार है,
जब से सुना है उनको मेरा इंतज़ार है।
मिरी ज़िंदगी पे न मुस्कुरा मुझे ज़िंदगी का अलम नहीं,
जिसे तेरे ग़म से हो वास्ता वो ख़िज़ाँ बहार से कम नहीं।
Bahaar Poetry In Hindi
इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के आज तक सुलगते हैं ज़ख़्म रहगुज़ारों के।
सुन पगली. रातों की बहार,
दिन का क़रार सभी कुछ लूट लिया हैं,
अब क्या बच्चे की जान ले लोगी।
Bahaaro Par Shayari In Hindi
जला के दाग़-ए-मुहब्बत ने दिल को ख़ाक किया बहार आई मेरे बाग में ख़िज़ां की तरह।
फिर उसके बाद वही बासी मंजरों के जुलूस,
बहार चंद ही लम्हे बहार रहती है।
"Shayari on Bahaar"
झूम जाते हैं शायरी के लफ़्ज़ बहार के पत्तों की तरह,
जब शुरू होता है बयाँ-ऐ-हुस्न महबूब का मेरे
तुम ने हम जैसे मुसाफ़िर भी न देखे होंगे जो बहारों से चले और ख़िज़ाँ तक पहुँचे।
Bahaar Shayari For Facebook
अजब बहार दिखाई लहू के छींटों ने ख़िज़ाँ का रंग भी रंग-ए-बहार जैसा था।
उग रहा है दरो दीवार में सबजा गालिब हम बयाबां में हैं और घर में बहार आई है।
बहार शायरी स्टेटस का बेहतरीन कलेक्शन
जो तुम मुस्कुरा दो बहारें हँसे, सितारों की उजली कतारें हँसे
जो तुम मुस्कुरा दो नज़ारें हँसे, जवां धड़कनों के इशारे हँसे।
इक बहार आती है इक बहार जाती है,
ग़ुंचे मुस्कुराते हैं फूल हाथ मलते हैं।
"Bahaar Shayari Images"
जो देख लेगा हर बशर् उसको खुद में ही कहीं,
तो मज़हबी इमारतों के बहार फ़कीर कोई होगा नहीं।
देख जिंदा से परे रंगे चमन जोशे बहार,
रकस करना है तो पावं की जंजीर न देख।
बहारों पर शायरी हिंदी और उर्दू में
गुलों का दौर है बुलबुल मज़े बहार में लूट,
ख़िज़ाँ मचाएगी आते ही इस दयार में लूट।
कांटा समझ के मुझ से न दामन बचाइए,
गुजरी हुई बहार की इक यादगार हूँ।
Images Bahaar Shayari
दरीचे जहन के मै बन्द कर नहीं सकता दिमाग अपना मुझे पुर बहार करना है।
ऐ दिल-ए-बे-क़रार चुप हो जा जा चुकी है बहार चुप हो जा।
"Bahaar Shayari in Hindi"
मुस्कुराओ बहार के दिन हैं,
गुल खिलाओ बहार के दिन हैं।
बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैं,
फिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में।
"बहार शायरी"
जब हम रुकें तो साथ रुके शम-ए-बेकसी,
जब तुम रुको बहार रुके, चाँदनी रुके।।
नाम भी लेना है जिस का इक जहान-ए-रंग-ओ-बू दोस्तो उस नौ-बहार-ए-नाज़ की बातें करो।
चाँद तारो की कसम खाता हूँ,
मैं बहारों की कसम खाता हूँ,
कोई आप जैसा नज़र नहीं आया,
मैं नजारों की कसम खाता हूँ।
मौसम-ए-बहार पर शायरी हिंदी और उर्दू में
काँटों को मत निकाल चमन से ओ बाग़बाँ,
ये भी गुलों के साथ पले हैं बहार में।
इक नौ-बहार-ए-नाज़ को ताके है फिर निगाह,
चेहरा फुरोग-ए-मय से गुलिस्तां किये हुए।
आमद से पहले तेरी सजाते कहाँ से फूल,
मौसम बहार का तो तेरे साथ आया है।
"Bahaar Shayari Images"
लेके अपनी-अपनी किस्मत आए थे गुलशन में गुल,
कुछ बहारों मे खिले और कुछ ख़िज़ाँ में खो गए।
"मौसम-ए-गुल शायरी"
उन की उल्फ़त का यकीं हो उन के आने की उम्मीद हों ये दोनों सूरतें तब है बहार-ए-इंतज़ार।
ना गुल खिले हैं, ना उन से मिले, ना मय पी है,
अजीब रंग में अब के बहार गुज़री है।
उन की उल्फ़त का यकीं हो उन के आने की उम्मीद हों ये दोनों सूरतें तब है बहार-ए-इंतज़ार।
"मौसम की बहारों पर शायरी"
मौसम-ए-गुल में तो आ जाती है काँटों पे बहार,
बात तो जब है ख़िजाँ में गुल-ए-तर पैदा कर।
अपना बर्बाद आशियाँ देखते हैं तो याद आता है,
बहारें भी उजाड़ देती हैं तिनकों से बने घरौंदों को।
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा।
Bahaar Status
यूँ ही शायद दिल-ए-वीराँ में बहार आ जाए,
ज़ख़्म जितने मिलें सीने पे सजाते चलिए।
शिद्दत से बहारों के इंतेज़ार में सब हैं,
पर फूल मोहब्बत के तो खिलने नहीं देते।
इश्क़ में दिल के इलाक़े से गुजरती है बहार,
दर्द अहसास तक आए तो नमी तक पहुँचे।
"बहारों पर शायरी"
देख जा आ के महक़ते हुए ज़ख्मों की बहार,
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रक्खा है।
ये खिजां की ज़र्द सी शाल में जी उदास पेड़ के पास है,
ये तुम्हारे घर की बहार है इसे आंसुओ से हरा करो।
वो गुलबदन कभी निकला जो सैर ए सहरा को तो अपने साथ हवा ए बहार कर लेगा।
मौसम-ए-बहार शायरी
हर आस अश्कबार है, हर साँस बेकरार है,
तेरे बगैर जिन्दगी, उजडी हुई बहार है।
ऐ बे-ख़ुदी-ए-दिल मुझे ये भी ख़बर नहीं किस दिन बहार आई मैं दीवाना कब हुआ।
न किसी के दिल की हूँ आरज़ू न किसी नज़र की हूँ जुस्तजू,
मैं वो फूल हूँ जो उदास हो न बहार आए तो क्या करूँ।
2 Line Bahaar Shayari
कांटा समझ के मुझ से न दामन बचाइए,
गुजरी हुई बहार की इक यादगार हूँ।
आ कहीं मिलते हैं हम ताक़ि बहारें आ जाएँ,
इससे पहले कि ता’अल्लुक़ में दरारें आ जाएँ।
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है,
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।
मौसम-ए-बहार शायरी
हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे बहारे हमको ढूँढेंगी ना जाने हम कहाँ होंगे
ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे।
गई बहार मगर अपनी बेख़ुदी है वही समझ रहा हूँ कि अब तक बहार बाक़ी है।
सदा-बहार हो तुम और मेरी क़िस्मत हो कोई बहार न थी इस बहार से पहले।
"बहारों पर शायरी"
मैंने देखा है बहारों में चमन को जलते,
है कोई ख्वाब की ताबीर बताने वाला।
ये हवा, ये रात ये चाँदनी तेरी एक अदा पे निसार हैं,
मुझे क्यों ना हो तेरी आरजू तेरी जुस्तजू में बहार है।
होती हो जब तुम साथ तो तमन्ना ही नही रहती कोई,
फिर ये फूल क्या बहारें क्या ये चाँद क्या सितारे क्या।
"2 Line Bahaar Shayari"
देख ज़िन्दां के परे जोशे जुनूं, जोशे बहार,
रक्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर ना देख।
शोर की तो उम्र होती हैं,
ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।
दिल को था आपका बेसब्री से इंतज़ार पलके भी थी आपकी एक झलक को बेकरार
आपके आने से आई है कुछ ऐसी बहार की दिल बस मांगे आपके लिए खुशिया बेशुमार।
Bahaar Status in Hindi
हुस्न पर जब भी मस्ती छाती है,
तब शायरी पर बहार आती है,
पीके महबूब के बदन की शराब,
जिंदगी झूम-झूम जाती है।
बहारों का मौसम आया, गुलाब से गुलाब का रंग,
जवानी जो तुम पर चढ़ी तो नशा मेरी आँखों में आया।
पलकों से आँसुओं की क़तारों को पोंछ लो पतझड़ की बात ठीक नहीं है बहार में।
"बहारों पर दर्द भरी शायरी"
जब दिल ने तड़पना छोड़ दिया, जलवों ने मचलना छोड़ दिया,
पोशाक बहारों ने बदली, फूलों ने महकना छोड़ दिया।
कौन से नाम से ताबीर करूँ इस रूत को,
फूल मुरझाएं हैं ज़ख्मों पे बहार आई है।
"2 Line Bahaar Shayari"
लाख गुलाब लगा लो अपने आंगन में सनम,
खुशबू और बहार तो हमारे आने से ही आएगी।
तेरा मुस्कुराना देना जैसे पतझड़ में बहार हो जाये,
जो तुझे देख ले वो तेरे हुस्न में ही खो जाये।