बदल गए कुछ लोग आहिस्ता आहिस्ता।
अब तो अपना भी हक बनता है।
जवानी की दुआ लड़कों को ना-हक़ लोग देते हैं,
यही लड़के मिटाते हैं जवानी को जवाँ हो कर।
Haq Shayari
न जाने किसने पढ़ी है मेरे हक़ में दुआ,
आज तबियत में जरा आराम सा है।
मेरी नाराज़गी पर हक़ मेरे अहबाब का है बस,
भला दुश्मन से भी कोई कभी नाराज़ होता है।
haq Status
बेशक तुम्हें गुस्सा करने का हक है मुझ पर,
पर नाराजगी में कहीं ये मत भूल जाना की,
हम बहुत प्यार करते हैं तुमसे,
तुझे गुस्सा दिलाना भी एक साजिश है,
तेरा रुठ कर मुझ पर यूँ हक जताना प्यार सा लगता है।
तुम्हारी फ़िक्र है मुझे शक नहीं,
तुम्हे कोई और देखे ये किसी को हक़ नहीं।
हक शायरी 2 लाइन
हक से अगर दो तो नफरत भी कबूल हमें,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।
इश्क है तो शक कैसा,
और नहीं है तो हक कैसा,
हक की लड़ाई तन्हा ही लड़नी होती है,
सैलाब उमड़ता है जीत जाने के बाद।
हक़ शायरी 2 लाइन - Haq Status
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू।
न मांझी, न हमसफर न हक में हवाए,
कश्ती भी जर्जर है, ये कैसा सफर है।
मेरे हक़ में खुशियों की दुआ करते हो,
तुम खुद मेरे क्यों नही हो जाते।
Haq Shayari
चलो आज मांग लो. हक़ से तुम हमे,
देखते हैं हक़-ए-बन्दगी में कशिश कितनी है।
हक़ हूँ में तेरा हक़ जताया कर,
यूँ खफा होकर ना सताया कर।
बेजुबाँ जानवर भी,
हक़ अदा कर देते हैं नमक का,
एक न जाने इंसान ही क्यों,
इतना खुदगर्ज़ निकला।
हक शेर हिंदी
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ,
वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ।
उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन,
दिल करता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ।
नींद मुझे न आती है तो कैसे तुम सो जाते हो,
मेरे जायज़ सवालों पे तुम चुप कैसे हो जाते हो।
Haq Shayari in hindi
दिनभर मुझे रुलाते हो बस ये बता दो किस हक से,
तुम पत्थर दिल हो जाते हो बस ये बता दो किस हक से।
ना जाने कौन मेरे हक़ में दुआ पढता है,
डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है।
यदि आप सही है तो आपको गुस्सा करने की जरूरत नहीं है,
यदि आप गलत है तो अपको गुस्सा करने का हक नहीं है।
बीवी भी हक जताती है, माँ भी हक जताती है,
शादी के बाद आदमी कश्मीर हो जाता है।
Haq Shayari hindi
उसकी ज़िद है तो, उसे इश्क़ करने दीजिए,
उसे हक़ है वो, किस तरह तबाह होगा।
जरुरी नहीं हमें डाँटने वाला हमसे नाराज ही हो,
क्यूँकी डाँटने का हक़ सिर्फ प्यार करने वाले को ही होता है।
तुम रुठ जाओ मुझसे हक है तुम्हारा,
हम कैसे रुठे तुमसे रूह तक बसेरा है तुम्हरा।