जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है,
बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दतसे चाहने वाला।
वो मुझे भूल ही गयी होंगा,
इतनी मुद्दत कोई खफा नहीं रहता।
मुद्दत शायरी in Urdu
पूछा था हाल उन्हॊने बड़ी मुद्दतों के बाद,
कुछ गिर गया है आँख में कह कर हम रो पड़े।
मुद्दतों से उसके इंतजार में हुँ यारों,
कही पढ़ लिया था कि सच्ची मोहब्बत,
लौटकर आती है।
Muddat Status in Hindi
मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले।
खटखटाए न कोई दरवाजा, बाद मुद्दत मैं खुद में आया हूँ,
एक ही शख़्स मेरा अपना है, मैं उसी शख़्स से पराया हूँ।
Muddat Status in Hindi
चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें,
बडी मुद्दत हुई बेवजाह हँसकर नही देखा।
सिर्फ साँसों की डोर जारी हैं,
वरना मुद्दत हुई हमें गुजरे हुये।
एक मुद्दत से लिख रहे हैं हम इश्क़ के तराने,
न मोहब्बत वापस लौटी न गुज़रे ज़माने।
मुद्दत शायरी 4 लाइन
मुद्दत हुई है बिछड़े हुए अपने-आप से,
देखा जो आज तुम को तो हम याद आ गए।
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुम्हें,
बड़ी दुआओं से पाया है तुम्हें,
तुम ने भुलाने का सोचा भी कैसे,
किस्मत की लकीरों से चुराया है तुम्हें।
मुद्दत शायरी in Urdu
एक मुद्दत से मेरी माँ सोयी नही है,
मैने एक बार कहा था मुझे डर लगता है।
मुद्दतें हो गयीं हैं चुप रहते-रहते,
कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते।
मुद्दत शायरी 2 लाइन
न छेड़ो मेरी नींदों को, मैं ख़्वाब में हूं,
बाद मुद्दत के, मैं मुलाकात में हूं।
मुद्तों के बाद उसको किसी के साथ खुश देखा तो एहसास हुआ,
काश की उसको बहुत पहले ही छोड़ दिया होता।
Muddat Shayari 2 Line
हालात मेरे मुझसे ना मालूम कीजिये,
मुद्दत हुई मुझसे मेरा ही कोई वास्ता नहीं।
आओ के तुम्हें देखकर इफ़्तार कर लें हम,
एक मुद्दत हो गई है, इन आँखों को रोज़ा रखे हुए।
Muddat Status in Hindi
बेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।
एक मुद्दत से तेरी याद भी आई न हमें,
और हम भूल गए हो तुम्हे ऐसा भी नही।
मुद्दत के बाद उस ने जो की लुत्फ़ की निगाह,
जी ख़ुश तो हो गया मगर आँसू निकल पड़े।
मुद्दत शायरी in Urdu
लिखी नहीं मुद्दत से कोई नज्म कलम ने,
डर है कोई न बेंच दे मेरे ग़म बाज़ार में।
जुदा होकर भी जी रहे हैं एक मुद्दत से,
कभी दोनों ही कहते थे जुदाई मार डालेगी।
हम सोच रहें हैं मुद्दत से अब उम्र ग़ुज़ारें भी तो कहाँ,
सेहरा में खुशी के फूल नहीं शहरों में ग़मों के साये हैं।
मुद्दत शायरी 4 लाइन
लिखा है अपने नाम से अपने पते पर खत,
मुद्दत के बाद अपनी खबर चाहती हूँ मैं।
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज़ दी मुझे,
कदमों की क्या बिसात थी, साँसे ठहर गयीं।
चलो आँखों में फिर से नींद बोएँ,
कि मुद्दत से तुझे देखा नहीं है।
मुद्दत शायरी in Urdu
मुद्दत हुई एक शख़्स ने दिल तोड़ दिया था,
इस वास्ते अपनों से मोहब्बत नहीं करते।
मुद्दत हुई कि ज़िंदा हूँ देखे बग़ैर उसे,
वो शख़्स मेरे दिल से उतर तो नहीं गया।
दूर रहकर ना करो बात क़रीब आ जाओ,
याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ आ जाओ।
मुद्दत शायरी 2 लाइन
एक मुद्दत से तमन्ना थी तुम्हें छूने की,
आज बस में नहीं ज़ज़्बात क़रीब आ जाओ।
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन,
क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न,
मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले।
मुद्दतों बाद जब उनसे बात हुई तो,
बातों बातों में मैंने कहा।
Muddat Shayari 2 Line
कुछ झूठ ही बोल दो और वो हँस के बोले,
तुम्हारी याद बहुत आती है।
आज फिर पूरा दिन तेरी यादों को दे दिया तेरा संदेशा ना आया,
और शाम भी ढल गया मुझे मालूम है की एक मुद्दत से बेवफा है तू।,
फिर क्यों इस बार भी तुझ पर भरोसा कर लिया।
कभी आना तुम मेरी गली से होकर गुज़ारना,
एक मुद्दत हो गयी मुझे ज़िन्दगी देखे हुए।