Izahaar Status For Whatsapp Facebook / इज़हार से जुडी शायरी
Mukesh KumarFebruary 28, 2024
मुहब्बत का कभी इज़हार करना ही नहीं आया,
मेरी कश्ती को दरिया पार करना ही नहीं आया।
अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते।
चाह कर भी इश्क़-ए-इज़हार जो हम कर ना सके,
हमारी ख़ामोशी पढ़ लो तुम और क़ुबूल कर लो हमें।
इज़हार-ए-इश्क करो उस से,
जो हक़दार हो इसका,
बड़ी नायाब शय है ये इसे ज़ाया नहीं करते।
Izahaar Status For Whatsapp
तेरी आँखो का इज़हार मै पढ़ सकता हूँ पगली,
किसी को अलविदा युँ मुस्कुराकर नहीं कहते।
इज़हार कर देना वरना,
एक ख़ामोशी उम्रभर का इंतजार बन जाती है।
हमने हमारे इश्क़ का, इज़हार यूँ किया,
फूलों से तेरा नाम, पत्थरों पे लिख दिया।
वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते।
इज़हार से जुडी शायरी
मिला वो भी नही करते,
मिला हम भी नही करते,
दगा वो भी नही करते, दगा हम भी नही करते,
इज़हार से जुडी शायरी।
ग़म का इज़हार भी करने नहीं देती दुनिया,
और मरता हूँ तो मरने नहीं देती दुनिया,
सब ही मय-ख़ाना-ए-हस्ती से पिया करत हैं,
मुझ को इक जाम भी भरने नहीं देती दुनिया।
उन को चाहना मेरी मोहब्बत है ,
उन्हें कह न पाना मेरी मजबूरी है,
वो खुद क्यों नही समझता मेरे दिल की बात को ,
क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है।
Izhaar shayari in hindi love
नहीं करता इज़हारे-ऐ-इश्क़ वो,
पर रहता है मेरे करीब है वो,
देखूँ उसकी आँखों में तो शर्मा जाता है वो,
हाय मेरा यार भी कितना कमाल है।
कहा था तुम से मेरा इंतज़ार करना,
दुनिया चाहे जो कहे तुम ऐतबार न करना,
दिन रात कट रहे हैं अब तो उसी के ख्यालो में,
वो लम्हें , वो रातें ,उनको याद बार बार न करना,
ज़िन्दगी तनहा ही सही , कट रही है अब तक,
किसी ने कहा था , मोहब्बत का इज़हार न करना।
हमने हमारे इश्क का इजहार यूं किया,
फूलों से तेरा नाम पत्थरों पे लिख दिया।
जिसको चाहो उसे चाहत बता भी देना,
कितना प्यार है उससे ये जता भी देना,
यूँ ना हो की उसका दिल कहीं और लग जाये,
करके इजहार उसके दिल को चुरा भी लेना।
Izhaar shayari in hindi for girlfriend
कसूर तो था इन निगाहों का,
जो चुपके से उनका दीदार कर बैठी,
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी,
पर बेवफा जुबान इज़हार कर बैठी।
तेरी आवाज़ से प्यार है हमें,
इतना इज़हार हम कर नहीं सकते,
हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है,
जिसका दीदार हम कर नहीं सकते।
हैं सौ तरीक़े और भी ऐ बे-क़रार दिल,
इज़हार-ए-शिकवा शिकवे के अंदाज़ में न हो।
जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार आसान होता है,
रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र जाती है।
Izhaar shayari in hindi for girl
तमन्ना है मेरे दिल की सनम एक बार हो जाये,
जाते जाते दुनिया से तेरा दीदार हो जाये,
मुहब्बत मैं भी करती हूँ मुहब्बत तुम भी करते हो,
ज़माने से है क्या डरना चलो इज़हार हो जाये।
उन्हे रुसवाई का दुख, हमे तन्हाई का डर,
गिला वो भी नही करते, शिकवा हम भी नही करते,
किसी मोड़ पर मुलाकात हो जाती है अक्सर,
रुका वो भी नही करते, ठहरा हम भी नही करते।
जब भी देखते हैं उन्हे, सोचते है कुछ कहें उनसे,
सुना वो भी नही करते, कहा हम भी नही करते,
लेकिन ये भी सच है, की मोहब्बत उन्हे भी हे हमसे,
इकरार वो भी नही करते, इज़हार हम भी नही करते,
इज़हार-ए-मुहब्बत के बाद भी मुहब्बत आधी-अधूरी रह जाए,
इससे तो बेहतर होगा कि मुहब्बत इक तरफ़ा ही निभाई जाए।
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ,
वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ,
उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन,
दिल करता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ।
Izhaar shayari in hindi english
आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
होंठो से कुछ कह नहीं सकते,
कैसे इज़हार करे हम आपको ये दिल का हाल,
की तुम ही हो जिसके बिना हम रह नहीं सकते।
लोग कहते है तुम क्यों अपने,
प्यार का इज़हार नहीं करते,
हम ने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये,
सिर्फ़ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते।
हर घडी तेरा दीदार किया करते हैं,
हर ख्वाब में तुझसे इज़हार किया करते हैं,
दीवाने हैं तेरे हम यह इक़रार करते हैं,
जो हर वक़्त तुझसे मिलने की दुआ किया करते हैं।
हम भी प्यार का इज़हार करेंगे,
तेरी इश्क़ में जान भी निसार करेंगे,
देख के जलेगी दुनिया सारी,
इस कदर तुझसे प्यार करेंगे,
देंगे सलामी सब आशिक़ हमको,
जब प्यार को हम बयाँ करेंगे।
Izhaar shayari in hindi for boyfriend
दिल यह मेरा तुमसे प्यार करना चाहता हैं,
अपनी मोहब्बत का इज़हार करना चाहता है,
देखा हैं जब से तुम्हे ऐ मेरे हमदम,
सिर्फ तुम्हारा ही दीदार करना चाहता है।
हया के परदे में वो इज़हारे -ऐ -इश्क़ नहीं करता,
जब चाहते है उसे हाल-ऐ-दिल सुनाना,
आ जाता है हमारे बीच हया का पर्दा,
इसलिए वो इक़रार-ऐ-इश्क़ नहीं करते।
किसी भी तरह वो इज़हार तो करे इक बार,
नज़र से कह के ज़ुबाँ से भले मुकर जाये।
यह और बात है कि इज़हार नहीं होता,
वरना प्यार तुमसे बे शुमार करते हैं,
इज़हार-ऐ-याद कहूँ या पूछूँ हाल-ऐ-दिल उनका,
ऐ दिल कुछ तो बहाना बता उनसे बात करने का।
pyar ka izhaar shayari 2 line in urdu
यार बता दे ज़रा कैसे करुँ मेँ इजहार ए ईश्क,
शायरी वह समझती नहीँ और अदाए हमें आती नहीँ।
इश्क़ इज़हार तक नहीं पहुंचा,
शाह दरबार तक नहीं पहुंचा,
चारागर भी निजात पा लेते,
जहर बीमार तक नहीं पहुंचा,
मेरी किस्मत की मेरे दुश्मन भी,
मेरे मयार तक नहीं पहुंचा,
उससे बातें तो खूब की लेकिन,
सिलसिला प्यार तक नहीं पहुंचा।
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो,
इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है,
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो,
ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है।
इज़हार-ए-याद करुँ या पूछूँ हाल-ए-दिल उनका,
ऐ दिल कुछ तो बहाना बता उनसे बात करने का।
रोमांटिक प्यार का इजहार करने वाली शायरी
मैं लफ़्ज़ों से कुछ भी इज़हार नही करता,
इसका मतलब ये नई के मैं तुझे प्यार नही करता,
चाहता हूँ मैं तुझे आज भी पर,
तेरी सोच मे अपना वक़्त बेकार नही करता।
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है,
झुकी निगाह को इकरार कहते है,
सिर्फ पाने का नाम इश्क नहीं,
कुछ खोने को भी प्यार कहते है।
इज़हार क्यों किया था,इकरार क्यों किया था,
जब जाना बहुत दूर,फिर प्यार क्यों किया था,
ना थी कोई रंजिश,और ना थी कोई शिकायत,
जब हार गया दिल तुझपे,ये वार क्यों किया था।
तुझसे मैं इज़हार -ए-मोहब्बत इसलिए भी नहीं करता,
सुना है बरसने के बाद बादल की अहमियत नहीं रहती।
कर दिया “हमनें” भीं “इज़हार-ए-मोहब्बत” फोन पर
लाख रूपये की बात थी, “एक” रूपये में हो गयी।
सच्चे प्यार का इजहार
इज़हार-ए-इश्क करें तो कैसे,
वो नज़रें मिलाता नहीं,
लफ्ज़ मेरा साथ देते नहीं, अब तुम ही बताओ,
हम उनसे इज़हार-ए-इश्क करें तो कैसे।
देख मज़ाक ना उड़ा,
गरीब का इज़हार-ए-मोहब्बत के नाम पर,
सच बोल झूठ कहा था न के तुमसे प्यार करती हूँ।
झुकी हुई नज़रों से इज़हार कर गया कोई,
हमें खुद से बे-खबर कर गया कोई,
युँ तो होंठों से कहा कुछ भी नहीं,
आँखों से लफ्ज़ बयां कर गया कोई।
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है,
झुकी निगाह को इकरार कहते है,
सिर्फ पाने का नाम मोहब्बत नहीं है यारो,
कुछ खो कर पाने को भी प्यार कहते है।
सच्चे प्यार का इजहार
इश्क का कभी हमने इंकार नहीं किया,
पर इस दिल को कभी इतना बेक़रार नहीं किया,
बस आँखों में उनके सपने सजाये रखे है मगर,
कभी हमने होंठों से इश्क का इजहार नहीं किया।
वो सज़दा ही क्या जिसमे सर उठाने का होश रहे,
इज़हार ए इश्क़ का मजा तब जब मैं बेचैन रहूँ और तू ख़ामोश रहे।
कोई ख्वाइश कोई इज़हार बाकी है,
तुझसे जुडा इंतज़ार बाकी है,
सांसो का छूट जाना तो मुक़द्दर है मगर,
मेरा ज़िन्दगी से कुछ करार बाकी है।
कब उनकी पलकों से इज़हार होगा,
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा,
गुज़र रही है हर रात उनकी याद में,
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा।