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Judayi Par Shayari Status -जुदाई पर शायरी

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अब अगर मेल नही है तो जुदाई भी नही, बात तोड़ी भी नही तुमने बनाई भी नही।
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बेताब मै ही नही दर्द-ए-जुदाई की कसम, रोते तुम भी होंगे करवट बदल बदलकर।
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मुझे महसूस हुआ दर्द ए जुदाई क्या, मैने एक फूल जो टहनी से बिछड्ते देखा।
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जुदा होकर भी जी रहे हैं एक मुद्दत से , कभी दोनों ही कहते थे जुदाई मार डालेगी।

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उसकी जुदाई को लफ़्ज़ों में कैसे बयान करें, वो रहती दिल में धडकती दर्द में और बहती अश्क में।
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तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके, कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके, तूने माँगा भी तो अपनी जुदाई माँगी, और हम थे कि तुझे इंकार न कर सके।
दिल से हमें पुकारा ना करो, यूँ आँखों से इशारा ना करो, तुमसे दूर हैं मजबूरी है हमारी, तन्हाई में हमें यूँ तड़पाया ना करो।
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए, तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।

Judayi Par Shayari Status

बेवफा वक़्त था? तुम थे, या मुकद्दर था मेरा, बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला।
याद में तेरी आँहें भरता है कोई, हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई, मौत तो सचाई है आनी ही है, लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई।
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो, तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो।
हालात ने किसी से जुदा कर दिया मुझे, अब ज़िंदगी से ज़िंदगी महरूम हो गई।

Judayi Status For Facebook

जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ, उस ने सदियों की जुदाई दी है।
जुदाई की रुतों में सूरतें धुंधलाने लगती हैं, सो ऐसे मौसमों में आइना देखा नहीं करते।
यूँ लगे दोस्त तिरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना, जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना।
वादा किया है तो निभाएगे, सूरज की किरण बनकर तेरी छत पर आएगे. हम है तो जुदाई का गम कैसा, तेरी हर सुबह को फूलों से सजाएगे।

Judayi Par Shayari

एक लफ्ज़ है जुदाई, इसे सह कर तो देखो, तुम टूट के बिखर ना जाओ तो कहना।
जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं, बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं।
गम-ए-जुदाई में तड़पते उनकी आँखों से पूछा, कुछ कहना है,उसने झपक झपक के कहा, नहीं अब तो बस बहना है।
वो कभी हमसे पुछा करते थे जुदाई क्या है, आज समझ आया है सवाल उनका।
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं, गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं, हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत,, हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं।

जुदाई पर शायरी

ना जाने मेरी मौत कैसी होगी, पर ये तो तय है, तेरी जुदाई से बेहतर होंगी।
जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ, उसने सदियों की जुदाई दी है।
कह के आ गए उनसे कि जी लेंगे तुम्हारी बिन, उनके जुदा होते ही जान पे बन आई है।
जुदाई हल नही है मसलों का, तुम समझते क्यूँ नही बात मेरी।

"Judayi Par Shayari"

लाएँगे कहाँ से हम, जुदाई का हौसला, क्यों इस क़दर मेरे करीब आ रहें हैं आप।
तेरी तस्वीर को सीने से लगा लेती हूँ, इस तरह जुदाई का गम मिटा लेती हूँ।
कितनी सुधर गई है जुदाई में जिंदगी, वो बेवफाई करके मुझ पर अहसान कर गया।
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ।

Judayi Par Shayari Status

कभी कभी तो ये दिल में सवाल उठता है, कि इस जुदाई में क्या उस ने पा लिया होगा।
जुदा थे हम तो मयस्सर थीं क़ुर्बतें कितनी बहम हुए तो पड़ी हैं जुदाइयाँ क्या क्या फ़ैज़ अहमद फ़ैज़।
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर, हम उसे अपनी खता कहते हैं, वो तो साँसों में बसी है मेरे, जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं।
जुदाई सहने का अंदाज कोई मुझसे सीखे, रोते है मगर आँखों में आँसूं नहीं होते।

Judayi Status For Facebook

मैं समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले, तू ने जाकर तो जुदाई मेरी क़िस्मत कर दी।
तेरी चाहत में , तेरी मुहब्बत में ,तेरी जुदाई में, दिल रोज़ टूटता है पर आवाज नहीं करता।
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमे, छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं।
बिछडते बिछडते पलट कर उसने सौ बार देखा, जुदाई की सारी रस्में निभाती गई वो।
तुझसे जुदा होने का जहर, पी लिया यारा मैंने, जैसे था मुमकिन बस फिर भी, जी लिया यारा मैंने।

Judayi Status For whatsapp

एक लफ्ज़ है खुदा, उसे पुकार कर तो देखो, सब कुछ पा ना लो तो कहना।
धमकियाँ देते हो जुदाई की, उफ्फ - मुहोब्बत में बदमाशियाँ।
कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है, जुदाई के बावजूद, भी तुझपे अधिकार है. तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही, मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है।
किसने माँगी थी इन आँखों से रिहाई, जाने किस ज़ुर्म की सज़ा है ये जुदाई।
ख़ुश्क ख़ुश्क सी पलकें और सूख जाती हैं. मैं तिरी जुदाई में इस तरह भी रोता हूँ।

Judayi Status For instgram

जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए, तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया।
इतना बे-ताब न हो मुझ से बिछड़ने के लिए, तुझ को आँखों से नहीं दिल से जुदा करना है।
इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे, किसी मा'ज़ूर को देखोगे तो याद आऊँगा।
हमें ये मोहब्बत किस मोड़ पे ले आई, दिल में दर्द है और ज़माने में रुसवाई, कटता है हर एक पल सौ बरस के बराबर, अब मार ही डालेगी मुझे तेरी जुदाई।

Judayi shayari For Facebook

यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर, इस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ।
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ, हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ, सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें, खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ।
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है, एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है, पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम, जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है।
जुदा हो कर भी जी रहें हैं एक मुद्दत से, कभी दोनों कहते थे, जुदाई मार डालेगी।
जब मैंने कहा तुम्हारी जुदाई, बर्बाद कर देगी मुझे, तो उसने बड़े तल्ख़ लहज़े में कहा, बर्बाद हज़ारो है एक तुम भी सही।

Judayi shayari in hindi

अगर जुदाई जरुरी है तो "बेशक रुठ जाओ। तुम "जी" सकते हो, तो मर "मैं भी नहीं जाऊँगा।
बेवफ़ा मैं था वक़्त था या मुक़द्दर था, बात जो भी थी अंजाम जुदाई निकला।
मिटा ना पाओगे मेरे निशां दिल से वस्ल से जुदाई तक बेशुमार हूँ मैं।
हमको ये बताओ दूर कैसे तुम रहते हो कैसे जुदाई का ग़म यारा तुम सहते हो हम तनहा मर जाएँगे यारा तेरी याद में देखो गीले है कितने अशको की बरसात में।
कलम में जितना दम है जुदाई की बदौलत हैं वरना लोग मिलने के बाद लिखना छोड़ देते हैं।

Judayi shayari in hindi

हर मुलाकात को याद हम करतें हैं, कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है, यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं पर, फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है।
जब तक मिले न थे जुदाई का था मलाल, अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई।
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर, हम उसे अपनी खता कहते हैं, वो तो साँसों में बसी है मेरे, जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं।
ऐ चाँद चला जा क्यूँ आया है तू मेरी चौखट पर, जुदा गया वो शख्स जिस के धोखे मे तुझे देखते थे।
हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यूँ है, अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें।

Judayi shayari in hindi

इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की।
जुदा किसी से किसी का ग़रज़ हबीब न हो, ये दाग़ वो है कि दुश्मन को भी नसीब न हो।
तेरी जुदाई में और तो कुछ ना हो सका, बस मोहब्बत से नफरत हो गयी।
मुझे तुम्हारी जुदाई का कोई रंज़ नहीं, मेरे खयाल की दुनिया में मेरे पास हो तुम।
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते।

Judayi shayari in hindi

जुदाई मोहब्बत मे जरुरी है, तभी तो पता चलता है की कौन किस के बिना कब तक जुदा रह पाता है।
गज़ल में गीत में दोहे में और रुबाई में कहां कहां नही ढूंढा तुझे जुदाई में।
उसको चाहा पर इज़हार करना नहीं आया, कट गई उम्र हमें प्यार करना नहीं आया, उसने कुछ माँगा भी तो मांगी जुदाई, और हमें इंकार करना नहीं आया।
हर कदम पे आपका एहसास चाहिए, मुझे आपका साथ अपने पास चाहिए, रब भी रो पड़े हमारी जुदाई से, ऐसा एक रिश्ता ख़ास चाहिए।
याद में तेरी आहें भरता है कोई, हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई. मौत सच्चाई है एक रोज आनी है, लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई।

Judayi shayari in hindi

जुदा होकर भी जी रहे हैं एक मुद्दत से, कभी दोनों ही कहते थे जुदाई मार डालेगी।
मोहब्बत और भी बढ़ जाती है जुदाईयोँ से… तुम सिर्फ मेरे हो हमदम इस बात का ख्याल रखना।
दिल को आता है जब भी ख़याल उनका, तस्वीर से पूछते हैं फिर हाल उनका।
जुदा होकर भी जुदाई नहीं होती इश्क उम्र कैद है प्यारे इसमें रिहाई नहीं होती।
कोई रूठे अगर तुमसे तो उसे फ़ौरन मना लेना, इस हाल में अक्सर जुदाई जीत जाती है।

Judayi shayari in hindi

ना मेरी नीयत बुरी थी,ना उसमे कोई बुराई थी, सब मुक़द्दर का खेल था,बस किस्मत में जुदाई थी।
तुम क्या जानो,तुम क्या समझो. बात मेरी तन्हाई की, जब “अंगड़ाई पे अँगड़ाई लेती है रात जुदाई की।
ग़म अज़ीज़ों का हसीनों की जुदाई देखी देखें दिखलाए अभी गर्दिश-ए-दौराँ क्या क्या।
इस मेहरबाँ नज़र की इनायत का शुक्रिया तोहफ़ा दिया है ईद पे हम को जुदाई का।
दो घड़ी उस से रहो दूर तो यूँ लगता है जिस तरह साया-ए-दीवार से दीवार जुदा।

Judayi shayari in hindi

किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो, रूह को जिस्म से लेने फ़रिश्ते नहीं आते।
उस शख्स को जुदा होने का सलीका नहीं आता, जाते जाते खुद को मेरे पास छोड़ गया।
रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे, करे तो क़यामत तक जुदा न करे, ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में, लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में।
मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है, ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है, देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू, तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है।
ना मेरा दिल बुरा था ना उसमे कोई बुराई थी, सब मुक़द्दर का खेल है बस किस्मत में जुदाई थी।

Judayi shayari in hindi

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई मे, ख़ुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे।
भींगी पलकों से छुप छुप के बिदाई दी हैं, उफ् खुदा कैसी तुमने यह जुदाई दी हैं।
तूमको ही सहना है गम जुदाई का, मेरा क्या है मैं तो मर जाऊंगी।
कहते हैं करम आपके खराब थे जो जुदाई मिली।
काश तेरी जुदाई की कोई सरहद होती, पता तो रहता अभी कितना सफर और तय करना है।

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